भिवानी में हरियाली को समर्पित सुशील और कैप्टन कृष्ण ने तैयार किया है आक्सीजन का खजाना
कैप्टन कृष्ण शर्मा और उनकी पत्नी सुशील कहते हैं कि हमने तो प्रकृति के साथ जीना सीख लिया है। हम दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं। पौधों की बात करें तो क्रिसमस एरिकापाम केला डेकोरेटिव संतरा तुलसी विद्यानगर अशोका ट्री जैसे अनेकों पेड़ पौधे लगाए हुए हैं
भिवानी [सुरेश मेहरा] हरियाली बढ़ाने का जैसे इस सुशील और कैप्टन कृष्ण शर्मा दंपती पर जुनून सवार है। इनका घर हो चाहे प्लाट पौधों से इतना ज्यादा हरा भरा है जैसे प्राकृतिक छटा इनके यहां बसी हो। सेना से सेवानिवृत्ति के बाद तो इन्होंने अपना जीवन पूरी तरह से प्रकृति को समर्पित कर दिया है। अब बच्चे भी और आस पास के लोग भी इनसे प्रेरित होकर अपने घरों और दूसरी जगहों पर हरियाली बढ़ाने में लगे हैं। महामारी के दौर में इन्होंंने लोगों को पौधोंगिरी का प्रेम जगाया और उसका असर भी दिखने लगा। घरों और खुले प्लाटों और खेतों अब पौधों की संख्या बढ़ने लगी है। बतौर उनके यह सब जरूरी भी है। हरियाली है तो जीवन है। जीवनदायिनी आक्सीजन पौधों से ही मिलती है।
दादारी गेट कोंट रोड शांतिनगर निवासी कैप्टन कृष्ण शर्मा और उनकी पत्नी सुशील कहते हैं कि हमने तो प्रकृति के साथ जीना सीख लिया है। हम दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं। पौधों की बात करें तो क्रिसमस, एरिकापाम, केला, डेकोरेटिव संतरा, तुलसी, विद्यानगर, अशोका ट्री, मनी प्लांट, स्नेक प्लांट, सुदर्शन ट्री, रबर प्लांट, एलोविरा के अलावा आंवला, बेल पत्र, अनार आदि भी अनेक पौधे लगाए हैं। इसके अलावा सब्जियां भी लगाई हैं। इन सब में देशी खाद का ही प्रयोग करते हैं। इसका फायदा यह हुआ है कि घर में उगाई सब्जियां खाने को मिलती हैं। स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
---कैप्टन शर्मा कहते हैं कि हमारी दिनचर्या का हिस्सा है सुबह शाम सैर और योगा करने के बाद दो घंटे पौधों की सेवा करना। उनकी सिंचाई करना। उनके बीच रहकर बहुत ही आत्मिक संतुष्टि मिलती है। आइये हम सब मिल कर इस महामारी के दौर में हरियाली बढ़ाएं और अपने घर हो चाहे खेत आक्सीजन रूपी खजाना बढ़ाएं। हम प्रकृति के साथ ही रह कर ही स्वस्थ रह सकते हैं। इसलिए हम संकल्प लें कि पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर देंगे। घर हो चाहे खेत या फिर सार्वजनिक जगह अधिक से अधिक पौधे लगाएंगे।