आशाओं का सहारा लेकर शुगर, ब्लड प्रेशर और कैंसर पर होगा वार
घर-घर जाकर आशाएं करेंगी 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का ब्योरा तैयार। शुगर ब्लड प्रेशर दिल की बीमारी अधरंग व कैंसर के खात्मे को प्रदेश भर में अभियान शुरू।
पुनीत शर्मा, रोहतक : स्वास्थ्य विभाग अब आशाओं का सहारा लेकर नॉन कम्युनिकेबल डिसीज (एनसीडी) का खात्मा करने की तैयारी में है। इसके लिए आशा वर्कर घर-घर जाकर 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का ब्योरा तैयार करते हुए उन्हें जांच कराने के लिए प्रेरित करेंगी। विभाग ने सब सेंटर समेत अन्य सरकारी चिकित्सालयों पर इन बीमारियों की जांच के लिए सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
अभियान को अब प्रदेश के सभी जिलों में शुरू कर दिया गया है। इससे पहले केवल 13 जिलों में ही पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे संचालित किया जा रहा था। स्वाइन फ्लू, मलेरिया, डेंगू, टीबी, कोलरा, टायफाइड, हेपेटाइटिस और एचआइवी एड्स जैसी गंभीर बीमारियों के बारे में लोगों को जागरुक करने और अस्पतालों में उक्त बीमारियों के मरीजों को पर्याप्त दवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार अभियान चलाए जाते रहे हैं। इन बीमारियों के अलावा शुगर, ब्लड प्रेशर, अधरंग और कैंसर (नॉन कम्युनिकेबल डिसीज) को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों लापरवाही बरती तो बीमारियों ने पैर पसार लिए। वर्तमान में बड़ी संख्या में लोग ब्लड प्रेशर और शुगर की चपेट में हैं। उक्त बीमारियों के प्रभावों के बारे में मरीजों को तुरंत पता नहीं चलता और जब पता चलता है तो यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर चुकी होती हैं। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने इन बीमारियों के खात्मे के लिए कदम उठाया है। योजना के तहत इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को सामने लाने और उनके उपचार के लिए योजना तैयार की गई है। योजना के तहत आशाएं प्रत्येक गली, मुहल्ला व गांवों में घर-घर जाकर 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का ब्योरा तैयार करते हुए उन्हें नजदीकी अस्पतालों में शुगर, ब्लड प्रेशर व कैंसर की जांच के लिए प्रेरित करेंगी। जांच कराने के लिए आने वाले लोगों को यदि बीमारी पाई जाती है तो उन्हें आवश्यक दवाई उपलब्ध कराई जाएगी।
अब शेष बचे नौ जिलों में शुरू होगा अभियान
एनसीडी के खात्मे के लिए प्रदेश सरकार ने पहले 13 जिलों में अभियान शुरू किया था। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इन जिलों में योजना को सफलता मिलने के बाद अब सरकार ने शेष नौ रोहतक, भिवानी, झज्जर, जींद, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी समेत दो अन्य जिलों में भी लागू कर दिया है। साथ ही आशाओं को ट्रेनिंग देते हुए लोगों का ब्योरा तैयार करने के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएं हैं।
नॉन कम्युनिकेबल डिसीज के बारे में लोगों को आसानी से पता नहीं चलता है। जब लोगों को इन बीमारियों के बारे में जानकारी होती है तो वह गंभीर रूप ले चुकी होती हैं। समय-समय पर लोगों को जांच कराते रहना चाहिए, जिससे इन बीमारियों का पता लग सके। अब पूरे प्रदेश में योजना को संचालित किया जा रहा है। सभी सरकारी अस्पतालों में ब्लड प्रेशर और शुगर जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कैंसर की जांच के लिए सिविल अस्पताल या पीजीआइ में सुविधा उपलब्ध है।
- डा. अनिल बिरला, सिविल सर्जन