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हरियाणा में अमरूद, आंवला व अनार का बाग लगाने पर मिलेगी सब्सिडी, 50 फीसद तक मिलेगा अनुदान

बागवानी खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए बागवानी विभाग के माध्यम से अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। किसान पारंपरिक खेती के स्थान पर बागवानी खेती अपनाकर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 13 Aug 2021 04:17 PM (IST)Updated: Fri, 13 Aug 2021 05:02 PM (IST)
हरियाणा में अमरूद, आंवला व अनार का बाग लगाने पर मिलेगी सब्सिडी, 50 फीसद तक मिलेगा अनुदान
हरियाणा में किसानों को परंपरागत खेती छोड़कर बागवानी की तरफ जाने का किया आह्वान

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। किसानों की आय को दोगुना करने व बागवानी खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए बागवानी विभाग के माध्यम से अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। किसान पारंपरिक खेती के स्थान पर बागवानी खेती अपनाकर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।

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सरकार द्वारा किसानों को नए बाग लगाने पर अनुदान राशि प्रदान की जाती है। किसान अब भी परंपरागत खेती को छोड़ने को तैयार नहीं है। लेकिन अब जागरूकता के कारण किसानों का इस और ध्यान आ रहा है। लेकिन अब आने वाले दिनों में बागवानी विभाग व जिला प्रशासन किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगा। इसके लिए खंड स्तर पर कैंप आयोजित कर किसानों को जागरूक किया जाएगा।

ये मिलता है अनुदान

अमरूद, आवंला व अनार के नए बाग लगाने पर प्रति हेक्टेयर पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। अमरूद के बाग लगाने पर 11 हजार 502 रुपये अनुदान राशि दी जाती है, जबकि अनार के बाग लगाने पर 15 हजार 900 रुपये व आंवला के बाग पर 15 हजार राशि अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है। अनुदान योजना के तहत एक किसान 10 एकड़ तक बाग लगा सकता है।

ऐसे करे आवेदन

योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान जमीन के कागजात जैसे कि जमाबंदी व सिजरा आदि के साथ अपनी बैंक कापी व आधार कार्ड के साथ जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते है।

जो किसान बाग लगा चुके है वो भी अनुदान के पात्र

जिन किसानों ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के नियमों अनुसार वित्तिय वर्ष 2021 में उपरोक्त फसल के बाग लगाए है। वो भी अनुदान राशि के लिए अपना आवेदन कर सकते है। किसान नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड द्वारा सत्यापित नर्सरी के बिल जहां से उन्होंने पौधा खरीदा व उसके साथ-साथ नर्सरी की नेमाटोड्स रिपोर्ट भी साथ लेकर आए।

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'' किसानों को परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी की तरफ आ जाना चाहिए। सरकार की तरफ से भी सब्सिडी दी जा रही है। वहीं अब खंड स्तर पर कैंप आयोजित कर किसानों को जानकारी दी जाएगी।

                                                                                           - महावीर कौशिक, उपायुक्त फतेहाबाद।


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