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परीक्षा पैटर्न में विकल्प देने या 25 प्रतिशत सिलेबस कम कराने की मांग पर जीजेयू में धरने पर बैठे विद्यार्थी

जीजेयू में सुविधाएं व व्यवस्थाओं में सुधार न होने के कारण वीरवार को छात्र-छात्राएं विरोध में उतर आए। वीरवार सुबह साढ़े 10 बजे से ही छात्र-छात्राओं ने वीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर दिया। सभी छात्राओं ने मांगे पूरी न करने पर विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 01:36 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 01:36 PM (IST)
परीक्षा पैटर्न में विकल्प देने या 25 प्रतिशत सिलेबस कम कराने की मांग पर जीजेयू में धरने पर बैठे विद्यार्थी
जीजेयू में सैंकड़ाें छात्र-छात्राएं विवि प्रशासन के खिलाफ जता रहे रोष, सभी छात्र संगठन हुए एकजुट

जागरण संवाददाता, हिसार। गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ( जीजेयू) में सुविधाएं व व्यवस्थाओं में सुधार न होने के कारण वीरवार को छात्र-छात्राएं विरोध में उतर आए। वीरवार सुबह साढ़े 10 बजे से ही छात्र-छात्राओं ने वीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर दिया। सभी छात्राओं ने मांगे पूरी न करने पर विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस विरोध में सभी छात्र संगठन उतर आए और सभी छात्र संगठनों ने अपनी-अपनी मांगे रखी है। परीक्षा पैटर्न में विकल्प या 25 प्रतिशत सलेब्स कम कराने की मांग को लेकर छात्र-छात्राओं ने विरोध जताया।

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इस दौरान इनसो, संगठन स्टूडेंट काउसिंल फोर एजुकेशनल रिफोर्मस, एबीवीपी संगठन सहित सैंकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। विद्यार्थी बोले कि कई बार मांगों को लेकर विवि प्रशासन को लिखित में ज्ञापन दे चुके है। मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। हास्टल व ब्लाक में पानी व साफ-सफाई की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। इस वजह से सभी विद्यार्थी परेशान है। वह सभी विद्यार्थी सीएम व राज्यपाल को टविट कर मांग रखेंगे।

यह हैं मांगे

- 25 प्रतिशत सिलेबस कम करने।

-परीक्षा पैटर्न में कोई भी पांच प्रश्‍न का विकल्प देने।

- लड़कियों के हास्टल में पीने के पानी की गुणवत्ता ठीक की जाए।

- लड़कियों के छात्रावास पीने के पानी के लिए वाटर कूलर लगवाया जाएं।

- हास्टल मैस में खाने की गुणवत्ता ठीक की जाएं।

- पुस्तकालय में चल रहे अर्थशास्त्र विभाग को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएं व रिडिंग हाल में छात्र-छात्राओं के पढ़ने के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाएं।

यह भी रखी मांग

छात्रों ने मांग की है कि पिछले समेस्टर की परीक्षा कोरोना महामारी के कारण देरी से हुई थी। इस वजह से इस समेस्टर की पढ़ाई भी देरी से शुरू हो पाई। छह महीने के पाठ्यक्रम को तीन महीने में पढ़ना और पूर्ण करना मुश्किल हो गया है। इसके चलते कई छात्रों पर मानसिक दबाव भी है। ऐसे में 25 प्रतिशत पाठ्यक्रम को कम किया जाएं या अन्य विकल्प दिया जाएं।

छात्राओं ने पहले भी पानी व बंदरों की समस्या को लेकर उठाया था मुद्दा

जीजेयू हास्टल में रहने वाली छात्राओं ने पहले भी पीने व नहाने की पानी न होने, खाने की गुणवत्ता ठीक न होने और हास्टल में बंदर घुसने जैसे समस्या को लेकर मुद्दा उठाया था। छात्राओं ने दो से तीन दिन तक रोष जताया और कई बार पहले भी धरना प्रदर्शन कर चुकी है। छात्राओं ने लिखित में विवि प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। इतने दिन बीत जाने के बाद भी हास्टल की सुविधाओं में सुधार देखने को नहीं मिला।


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