छात्र बोले, आनलाइन पढ़ाई से नंबर अधिक आते हैं, ज्ञान का अभाव
आनलाइन में छात्र नकल करने का हर मौका तलाशते हैं और करते भी हैं नकल
- आनलाइन में छात्र नकल करने का हर मौका तलाशते है और करते भी है नकल
जागरण संवाददाता, हिसार : कोरोना के चलते पढ़ाई के साथ-साथ परीक्षा भी आनलाइन होने लगी है। इसे लेकर छात्राओं के विचार अलग है। कुछ छात्र सहमत है और खुश है, क्योंकि उनको आवागमन नहीं करना पड़ता। कुछ छात्रों की सोच अलग है। कुछ ऐसे ही छात्र बोले कि आनलाइन परीक्षा में छात्र नकल करने का हर मौका तलाशते है और किसी न किसी तरह बहाना बनाकर नकल करते भी है। इस पर कमेटी को कड़ी निगरानी रखनी होगी। मगर आफलाइन में परीक्षा देते समय छात्रों को खुद की काबिलयत साबित करनी पड़ती है और अपनी तैयारी के दम पर ही परीक्षा देता है। उस समय उसकी हर गतिविधि पर शिक्षक की नजर रहती है और नकल कर पाना मुश्किल होता है। छात्रों का यह भी मानना है कि छात्रों के आनलाइन पढ़ाई से नंबर जरूर बढ़ते है, पर उनका ज्ञान नहीं बढ़ता। यह आनलाइन के ही परिणाम है। इसलिए छात्र आफलाइन पढ़ाई की मांग करते है।
इनसो छात्र संगठन से जिलाअध्यक्ष हरेंद्र बैनिवाल का कहना है कि आनलाइन पढ़ाई व परीक्षा से छात्रों को ट्रेवल व संक्रमण का खतरा नहीं रहता है और दूरदराज क्षेत्र से आने वाले छात्रों के लिए फायदेमंद है। इस समय संक्रमण फैल चुका है। इसमें न तो पड़ोसी का संक्रमित होने का पता चलता है और न ही खुद का। अबकी बार मरीजों में हल्के लक्षण है, जिससे हर किसी संक्रमित की पहचान कर पाना मुश्किल होगा। खुद का टेस्ट करवाने पर ही पता चलता है।
पहले से कर लेते है प्रश्न तैयार
कई छात्र पहले से ही महत्वपूर्ण प्रश्न लिखकर तैयार कर लेते है और परीक्षा शुरू होने के बाद उसमें लगा देते है। विश्वविद्यालय की ओर से सेलेब्स संबंधित प्रश्न पहले ही बता दिए जाते है। छात्र महत्वपूर्ण प्रश्नों की छंटनी कर तैयार कर लेते है।
शुरू में आएंगे परिणाम अच्छे
इनसो छात्र संगठन से तोशिफ चौधरी ने बताया कि जिस तरह समेस्टर सिस्टम लागू हुआ था तो शुरू में छात्रों की मैरिट बढ़ गई थी। अब आनलाइन सिस्टम शुरू हुआ है तो इसके भी अच्छे परिणाम आएंगे। इस बार अधिकतर छात्रों के परीक्षा में 65 फीसद से ज्यादा अंक आए है। आफलाइन परीक्षा देने वाले छात्रों को कम अंक मिले हैं।