अपने अधिकारों को लेकर एकजुट हुए पांच कालेजों के छात्र नेता, कुलपति से बैठक कर मांगे अधिकार
जागरण संवाददाता, हिसार : छात्र संघ चुनाव हुए आज पूरे तीन महीने हो गए हैं, लेकिन इसके बा
जागरण संवाददाता, हिसार : छात्र संघ चुनाव हुए आज पूरे तीन महीने हो गए हैं, लेकिन इसके बावजूद कहीं छात्र नेताओं को ऑफिस नहीं मिला है तो कहीं उन्हें उनके अधिकार ही पता नहीं हैं। यही नहीं कोई रूल बुक नहीं होने के कारण चुने गए छात्र नेताओं को आधिकारिक तौर पर अभी तक ये भी पता नहीं है कि वे क्या-क्या कर सकते हैं। अपने संस्थान में किस तरह की भूमिका निभा सकते हैं। इसे लेकर कालेज या विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया तो बुधवार को पांच कालेजों के छात्र नेताओं ने एकजुटता दिखाते हुए गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति और चुनाव सुधार समिति के अध्यक्ष प्रो. टंकेश्वर कुमार से बैठक की। छात्र नेताओं ने सबसे अधिक इस बात पर बल दिया कि जल्द से जल्द रूल बुक तैयार की जाए। साथ ही कालेजों में उन्हें ऑफिस और बजट दिलवाया जाए। इस पर विवि के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि बुधवार शाम तक सभी कालेजों को इसके आदेश दे दिए जाएंगे कि सभी कालेज छात्र नेताओं को ऑफिस और फर्नीचर उपलब्ध करवाएं। वहीं, छात्र संघ के बजट को लेकर उन्होंने कहा कि इसके बारे में अभी देखा जाएगा कि बजट कहां से दिया जाए। फीस में लिए जाने वाले स्टूडेंट वेलफेयर फंड को छात्र संघ को दिए जाने पर विचार किया जाएगा। बैठक में मौजूद विवि के डीएसडब्ल्यू और छात्र संघ चुनाव में डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर रहे डा. विनोद कुमार बिश्नोई ने कहा कि वे कई दूसरे विश्वविद्यालयों की रूल बुक देख रहे हैं, जल्द ही विश्वविद्यालय द्वारा रूल बुक तैयार की जाएगी, जिसमें छात्र नेताओं के अधिकारों, कर्तव्यों और दायित्वों के बारे में विस्तृत जानकारी होगी। इस बैठक में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. अनिल कुमार पुंडीर भी मौजूद रहे।
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डीएन कालेज में नहीं स्थाई अध्यापक, इसलिए नहीं भेजा टूर -
छात्र नेताओं ने कहा कि डीएन कालेज में फाइनल इयर के विद्यार्थियों का एक टूर ले जाया जाना था। लेकिन कालेज प्रशासन ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि साथ जाने के लिए परमानेंट टीचर नहीं है और बिना परमानेंट टीचर के टूर नहीं जा सकता। नेताओं ने कहा कि एक अन्य टीचर उनके साथ टूर पर जाने को तैयार थे, लेकिन टूर नहीं जाने दिया गया। ऐसे में छात्र नेताओं चुने के जाने के बाद भी वे अपनी पावर का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि अब तक कोई रूल बुक ही तैयार नहीं की गई है। वहीं छात्र नेताओं ने कहा कि कोई भी कालेज आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की फीस माफ नहीं कर रहा है।
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लेंथी होता है एमए इंग्लिश का प्रश्न पत्र, एमकॉम के लिए नहीं मिलती बुक -
कुलपति ने छात्र नेताओं से अकेडमिक समस्याएं पूछी तो जाट कालेज के छात्र संघ के प्रधान मनोज सिवाच ने कहा कि एमए इंग्लिश के सभी प्रश्न पत्र बहुत लैंथी होते हैं, कोई भी विद्यार्थी पेपर पूरा नहीं कर पाता। इसलिए विशेषज्ञों से इसे रिवाईज करवाकर इस समस्या का समाधान करवाया जाए। एफसी कालेज की छात्र नेताओं ने कहा कि इंटरनेशनल फाइनेंस जैसे कई ऐसे विषय हैं, जिसकी किताबें नहीं मिल रही हैं। टीचर भी किताबों के बारे में कुछ नहीं बता पा रहे हैं। इस पर मौके पर मौजूद एचएसबी के प्रो. विनोद बिश्नोई ने कहा कि बहुत सी किताबें हैं। इसके लिए छात्र नेता अपने कालेज प्रशासन से बात करें। समस्या का हल न हो तो विश्वविद्यालय में डीन से आकर मिलें।
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छात्र नेताओं को बनाया जाएगा आईसीसी कमेटी का सदस्य -
छात्र नेताओं ने कहा कि टीचर्स के खिलाफ कई ऐसी शिकायतें होती हैं, जिन पर कालेज प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है। ऐसे में कुलपति ने कहा कि जिन कालेजों में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी नहीं हैं, हम उन्हें कहेंगे कि यह कमेटी बनाएं और उनमें छात्र नेताओं को शामिल करें। उन्होंने कहा कि हमने विश्वविद्यालय की इंटरनल कंप्लेंट कमेटी में यहां के छात्र नेताओं को शामिल भी कर लिया है।
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इन कालेजों के ये छात्र नेता पहुंचे -
जाट कालेज - प्रधान मनोज सिवाच और सचिव नवीन सिवाच
डीएन कालेज - प्रधान अनिता देवी और सचिव करूणा
एफसी कालेज - उप-प्रधान बबली और सचिव अंजली
सीआर लॉ कालेज - प्रधान विकास देशवाल और उप-प्रधान रजत शर्मा
इंपीरियल कालेज - उप-प्रधान अमित पुनियां और सचिव उज्ज्वल शर्मा