रोहतक में हत्या के मामले में जेल में बंद है छात्र, ITI ने काटा नाम तो कोर्ट ने लगाई फटकार
रोहतक में हत्या के मामले में जेल में बंद छात्र का नाम काटने पर आइटीआइ प्रबंधन को कोर्ट ने फटकार लगाई है। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए उनसे जवाब मांगा है कि किस आधार पर छात्र का नाम काटा गया है।
जागरण संवाददाता, रोहतक। हत्या के मामले में जेल में बंद छात्र का नाम काटने पर जेएमआइसी कोर्ट ने आइटीआइ प्रबंधन को फटकार लगाई है। साथ ही आइटीआइ प्रबंधन से इस मामले में छह दिसंबर को जवाब देने के लिए कहा गया है।
काठमंडी निवासी योगित हसनगढ़ स्थित आइटीआइ में ड्राफ्टमैन सिविल का कोर्स कर रहा था। योगित के अधिवक्ता प्रवीण जोगी ने बताया कि इसी साल मई माह में दिल्ली के रोहिणी निवासी अंकुश की वैश्य कालेज के स्टेडियम में हत्या कर दी गई थी। अंकुश गाजियाबाद से एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। इस हत्याकांड की साजिश में योगित का नाम भी आ गया था। आरोप था कि हत्याकांड की साजिश रचते हुए योगित ने मुख्य आरोपित को बाइक उपलब्ध कराई थी। वह तभी से न्यायिक हिरासत में बंद है। जिस समय उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया, उस वक्त उसके कोर्स का दूसरा सत्र शुरू हुआ था।
आइटीआइ प्रिंसीपल को करवाया गया था अवगत
अधिवक्ता ने बताया कि आइटीआइ प्रिंसीपल को इस मामले से अवगत करा दिया गया था कि योगित न्यायिक प्रक्रिया से गुजर रहा है। ऐसे में उसे अनुपस्थित दिखाकर नाम ना काटा जाए। इसके बावजूद आइटीआइ प्रबंधन ने उसे अनुस्थित दिखाते हुए उसका नाम काट दिया। इसके बाद अधिवक्ता की तरफ से जेएमआइसी कोर्ट में एप्लीकेशन दायर की गई है। इसमें कहा कि शिक्षा हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। उससे वंचित नहीं रखा जा सकता।
13 दिसंबर से होंगे प्रेक्टिल शुरू
अधिवक्ता की एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आइटीआइ प्रबंधन को फटकार लगाते हुए उनसे जवाब मांगा है कि किस आधार पर नाम काटा गया है। जवाब देने के लिए आइटीआइ प्रबंधन को छह दिसंबर की तारीख दी गई है। दरअसल, 13 दिसंबर से प्रेक्टिल शुरू हो रहे हैं। ऐसे में यदि इससे पहले छात्र का नाम सही नहीं किया गया तो वह प्रेक्टिस से भी वंचित रह जाएगा।