हिसार डीसी के सख्त आदेश, खेतों में न लगाएं ब्लेड वाली तारें, जो लगा चुके वो भी हटाएं
डीसी प्रियंका सोनी ने कहा कि इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो वह भारतीय दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 188 के तहत दंड का भागीदार होगा।
हिसार, जेएनएन। जिलाधीश डॉ. प्रियंका सोनी ने जिला में खेतों में ब्लेड वाली तारें लगाने पर प्रतिबंध लागू किया है। इसके साथ ही जिन किसानों ने ब्लेड वाली तारें लगा रखी हैं उन्हें भी तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश जारी किए हैं। जिलाधीश ने बताया कि मंडलीय वन प्राणी अधिकारी ने बताया है कि जिला में काला हिरण बहुतायत संख्या में पाया जाता है जोकि वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम-1972 के शैड्यूल-1 में संरक्षित है।
उन्होंने बताया कि अपनी फसल की सुरक्षा हेतु कुछ किसानों ने अपने खेतों में ब्लेड/रेजर तारों का इस्तेमाल किया है। इनमें फंसने से कटकर वन्य जीवों की गंभीर रूप से घायल होने की सूचनाएं उनके कार्यालय को मिलती रहती हैं। वन्य प्राणी निरीक्षक द्वारा कुछ किसानों को ब्लेड तारें हटाने के नोटिस भी दिए गए थे। इसके बाद कुछ किसानों ने तो ये तारें हटवा लीं लेकिन अभी भी कुछ किसानों ने इन तारों को नहीं हटवाया है। इसलिए उन्होंने इस संबंध में जिला में धारा-144 लागू करने का अनुरोध किया है।
जिलाधीश ने उपरोक्त स्थिति के मद्देनजर दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के अधीन प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले में खेतों के अंदर ब्लेड तार लगाने पर प्रतिबंध लागू किया है तथा पहले से लगाए गए सभी ब्लेड व रेजर तारों को हटवाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो वह भारतीय दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 188 के तहत दंड का भागीदार होगा।
बता दें कि ब्लेड वाली तारों के कारण नील गाय भी घायल होकर दम तोड़ देती हैं। इन तारों में तेज धार वाले ब्लेड लगे हाेते हैं जो बाड़ पर कूदने के वक्त पशु को नीचे से काट देते हैं। इससे मौत होना लाजमी है। इसकी बजाय कांटे दार तारों से हादसा होने का खतरा कम रहता है। ब्लेडनुमा तार बेहद खतरनाक होती हैं ऐसे में डीसी ने यह फैसला लिया है।
जिला से बाहर जाने वाले व्यक्ति सेक्टर 1-4 के पॉली-क्लीनिक में करवा सकते हैं स्वास्थ्य जांच : उपायुक्त
हिसार। उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि हिसार से बाहर किसी अन्य जिला अथवा राज्य में जाने वाले ऐसे व्यक्ति सेक्टर 1-4 स्थित सरकारी पॉली क्लीनिक में अपनी स्वास्थ्य जांच करवाकर मेडिकल सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं जिनके लिए यह प्रमाण पत्र हासिल करना अनिवार्य है। उन्होंने सिविल सर्जन को ऐसे इच्छुक व्यक्तियों की मेडिकल जांच करवाने की समुचित व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए हैं।