छात्रा के गले में मिली पथरी, सिविल अस्पताल में 15 मिनट में किया ऑपरेशन, बचाए 30 हजार रुपये
गुर्दे या पित्त की थैली की पथरी के बारे में ही सुना होगा लेकिन एक छात्रा के गले में पथरी का मामला सामने आया। इस ऑपरेशन का खर्चा निजी अस्पताल में 30 हजार के करीब होता है।
हिसार, जेएनएन। आपने अधिकतर गुर्दे या पित्त की थैली की पथरी के बारे में ही सुना होगा, लेकिन बुधवार को गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय की एक छात्रा के गले में पथरी का मामला सामने आया। सिविल अस्पताल में बुधवार को 20 वर्षीय छात्रा के गले में पथरी मिली, जिसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन भी सिर्फ 15 मिनट में किया गया।
ऑपरेशन करने वाले सर्जन डा. विमल जैन ने बताया कि गले में पथरी होना काफी रेयर केस है, ऐसे केस सालभर में मुश्किल से 4 से 5 ही होते है। छात्रा का ऑपरेशन सफल रहा है, उसे एक दिन बाद ही छुट्टी दे दी जाएगी। उसे 24 घंटे तक लिक्विड लेना होगा, इसके बाद वह सामान्य खाना खा सकती है।
बिना चीरा लगाए मुंह के रास्ते किया ऑपरेशन
डा. विमल जैन ने बताया कि ऑपरेशन के लिए अलग से कोई चीरा नहीं लगाया गया। सिर्फ मुंह के रास्ते यह ऑपरेशन किया गया है। जीजेयू की छात्रा और मुख्यत: खोखा गांव की 20 वर्षीय सपना को करीब 6 महीने से यह परेशानी थी, सपना के भाई जितेंद्र ने बताया कि हमें लगता था कि उसे दांतों में दर्द होगा, सपना को हांसी के कालीदेवी अस्पताल ले जाया गया था वहां दवा दी तो दर्द बंद हो गया था। इसके बाद हांसी में अल्ट्रासाउंड करवाया था।
जानिए...कैसे बनती है गले में पथरी
डा. विमल जैन ने बताया कि मुंह के अंदर लार ग्रंथिया होती है। यह पथरी लार के अंदर ही बनती है। लार की यह ग्रंथिया जीभ के नीच होती है। मुंह में जो लार बनती है उसमें केल्शियम भी होता है। जैसे ही हम खाना खाते है तो मुंह से लार निकलती है अगर यह लार बाहर नहीं निकलती तो मुंह के अंदर रहकर एक जगह एकत्रित हो जाती है। जिससे इंफेक्शन होना शुरु हो जाता है। बार-बार इंफेक्शन होने से इसमें पस पड़ जाती है। जिससे मुंह में दर्द होता है और एक तरफ से सूज भी जाती है। इसे सुखाने के कई डाक्टर दवाइयां देते है। लेकिन यह सुखती नहीं है, यह अंदर ही अंदर पथरी का रूप ले लेती है। उपरोक्त लड़की को पिछले 6 महीने से गले में पथरी की समस्या थी। यह लड़की बुधवार को ही हमारे पास आई थी। हमने चेक किया और पथरी निकाली तो पथरी के साथ 150 ग्राम पस भी निकली।
सामान्य अल्ट्रासाउंड में नहीं आती पकड़ में
डा. विमल ने बताया कि इस लड़की का अल्ट्रासाउंड हांसी करवाया था, लेकिन सामान्य अल्ट्रासाउंड में गले की पथरी पकड़ में नहीं आती। इसमें अल्ट्रासाउंड करवाते समय मरीज की पर्ची पर स्पेशली गले की पथरी के अल्ट्रासांउड के लिए लिखा जाता है, जिसके बाद पथरी को फोकस करके अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इस लड़की के गले के दाएं तरफ यह पथरी थी।
निजी अस्पतालों में 30 से 35 रुपये हजार रुपये आता है खर्च
निजी अस्पतालों में गले की पथरी का यहीं ऑपरेशन 30 से 35 हजार रुपये में किया जाता है। गले की यह नली (सबमांडिबुलर ग्रंथियों) बहुत बारीक होती है। इस नली में पथरी का अगर देर से पता चले तो इससे मरीज की जीभ व गले की ग्रंथियों को नुकसान पहुंच सकता है। इससे मुंह में लार बनने की प्रक्रिया भी अवरूद्ध हो सकती है।