डी-कम्पोजर तकनीक से दिया जाएगा पराली अवशेष प्रबंधन का प्रशिक्षण
उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने बताया कि बीड़ बबरान लाडवा मिर्जापूर चमारखेड़ा राजली घिराय एवं सातरोड़ आदि गांवों के खेतों में डी-कम्पोजर तकनीक का फील्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कार्य अधिकतम 1 एकड़ में होगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान डी-कम्पोजर टेक्नोलॉजी के तहत 9 गांवों में विज्ञानियों की टीम की सहायता से खेतों में पराली पर छिड़काव कर काफी कम समय में खाद तैयार किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, हिसार : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग एवं चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के विज्ञानी जिले के विभिन्न गांवों के किसानों को डी-कम्पोजर तकनीक द्वारा पराली अवशेष प्रबंधन का प्रशिक्षण देंगे।
उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने बताया कि बीड़ बबरान, लाडवा, मिर्जापुर, चमारखेड़ा, राजली, घिराय एवं सातरोड़ आदि गांवों के खेतों में डी-कम्पोजर तकनीक का फील्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कार्य अधिकतम 1 एकड़ में होगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान डी-कम्पोजर टेक्नोलॉजी के तहत 9 गांवों में विज्ञानियों की टीम की सहायता से खेतों में पराली पर छिड़काव कर काफी कम समय में खाद तैयार किया जा सकता है। धान के अवशेषों पर स्प्रे करवाने के बाद इसे मिट्टी में मिलाकर गेहूं की बिजाई की जाएगी। इसके लिए किसान को बिजाई से 10 दिन पूर्व विभाग को सूचना देनी होगी।
सहायक कृषि अभियंता गोपी राम ने बताया कि इस तकनीक से अवशेषों को जल्दी गलाकर खाद बनाने में सहायता मिलेगी तथा जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। इस कार्य में सहयोग के लिए माइक्रो बायोलॉजी विभाग के एचओडी डा. राजेश गैरा, सहायक कृषि अभियंता डा. बलजीत सहारण एवं इंजीनियर योगेश जाखड़ सहयोग करेंगे।