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खेल मंत्री संदीप सिंह बोले- गांवों से निकलती है प्रतिभाएं, बस पहचान नहीं हो पाती

एमडीयू में कबड्डी प्रतियोगिता के समापन समारोह में खेल मंत्री हुए शामिल। उन्‍होंने खिलाडिय़ों को खेलों के साथ पढ़ाई में बेहतर करने की दी नसीहत। कहा हम प्रतिभा पहचान सुविधाएं देंगे।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 01:31 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 01:31 PM (IST)
खेल मंत्री संदीप सिंह बोले- गांवों से निकलती है प्रतिभाएं, बस पहचान नहीं हो पाती
खेल मंत्री संदीप सिंह बोले- गांवों से निकलती है प्रतिभाएं, बस पहचान नहीं हो पाती

रोहतक, जेएनएन। राज्य खेल मंत्री एवं अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह ने कहा कि 75 फीसद जनता गांव में रहती है। प्रतिभाएं भी गांव से निकलती हैं। उन प्रतिभाओं की पहचान नहीं हो पाती और न ही उनको सुविधाएं मिल पाती है। अब जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं की तलाश कर उनको बेहतर सुविधाएं देने का लक्ष्य प्रदेश सरकार ने रखा है। वे शुक्रवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में उत्तर क्षेत्रीय अंतर विश्वविद्यालय कबड्डी पुरूष वर्ग चैंपियनशिप के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि खिलाडिय़ों को सुविधाएं शहर तक ही सीमित रहती है। उन्होंने कहा कि सरकार खिलाडिय़ों के लिए नीति बनाने पर भी विचार रही है। हालांकि पहले से बेहतर सुविधाएं खिलाडिय़ों को मिल रही है, उनके समय तो इतनी सुविधाएं भी नहीं थी। राज्य में नशे को खत्म करने के लिए भी युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने सरकार के प्रशिक्षकों को सख्त चेतावनी दी है कि ग्राउंड में वे पूरी ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी निभाएं। अगर प्रशिक्षक अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे तो खिलाड़ी देश और राज्य के लिए कैसे खेल पाएंगे।

खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि देश की शान के लिए दिन-रात एक करने वाले खिलाड़ी भी संत महात्माओं के समान हैं। जिस तरह संत तप करते हैं वैसे ही एक अच्छा खिलाड़ी बनने के पीछे सालों की कड़ी मेहनत होती है। खेल मंत्री ने खिलाडिय़ों को बड़ी सोच रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ नौकरी की चाह में खेल में आने वाले नौकरी के लायक भी नहीं रहते हैं।

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के खेल विभाग द्वारा बजट के अभाव में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह नहीं होने के सवाल पर कहा कि उनकी इस बारे में कुलपति प्रोफेसर राजबीर ङ्क्षसह से बात हुई है।

खिलाडिय़ों की चाह इतनी ज्यादा हो कि मंजिल ज्यादा दूर न लगे।

खेल मंत्री संदीप सिंह ने अपने खेल के दिनों को याद करते हुए बताया कि पटियाला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में सुबह-शाम नेशनल कैंप होने से वह रात और दोपहर में अभ्यास करते थे। उसी कड़ी मेहनत के जरिए देश के लिए मेडल जीत पाए। खिलाडिय़ों की चाह इतनी ज्यादा होनी चाहिए कि मंजिल ज्यादा दूर ना लगे। युवाओं में बढ़ते नशे के चलन पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस ओर काम कर रही है। केंद्र सरकार के फिट इंडिया अभियान से युवाओं को जोड़ेंगे।


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