सोनाली से महिला थाने में ढाई घंटे पूछताछ, फेसबुक पर दर्द बयां कर रो पड़ीं
जागरण संवाददाता हिसार भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट और मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह के म
जागरण संवाददाता, हिसार : भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट और मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। पुलिस ने सोनाली से मामले में ढाई घंटे तक पूछताछ की। वह अपने बयान पर कायम है। इसके बाद सोनाली फौगाट ने फेसबुक पर लाइव आकर अपना दर्द बया किया। पांच मिनट के इस वीडियो में सोनाली भावुक दिखीं और रो पड़ीं। दूसरी तरफ सुल्तान सिंह के बयान भी दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने वीडियो-सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लेते हुए गवाहों के भी बयान दर्ज कर लिए हैं।
पुलिस के अनुसार सोनाली फौगाट और सुल्तान सिंह के बीच 5 जून को विवाद हुआ था। बालसमंद मंडी में सोनाली ने मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह को थप्पड़-चप्पल से पीटा था। उस मामले में सोनाली ने सुल्तान सिंह पर छेड़खानी का मामला दर्ज करवाया था। दूसरी तरफ कमेटी सचिव सुल्तान सिंह ने सरकारी ड्यूटी में बाधा सहित मारपीट का मामला दर्ज करवाया था। सुल्तान सिंह की शिकायत पर सदर थाना प्रभारी और सोनाली की शिकायत पर महिला थाना जांच कर रहा है। पुलिस द्वारा घटना के दिन के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लेने के साथ, उसमें दिख रहे लोगों के गवाही के तौर पर बयान दर्ज किए गए हैं।
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ढाई घंटे तक बैठाया जांच में
सोनाली फौगाट को जांच के लिए महिला थाने में पुलिस ने बुलाया था। पुलिस ने जांच के दौरान सोनाली को ढाई घंटे तक बैठाए रखा। इसके बाद सोनाली ने लाइव आकर वीडियो जारी की थी। इस वीडियो में वह किसानों की बात कर रही हैं। साथ ही वह रो भी रही हैं। पुलिस के पास थाने में सोनाली ने अपने पुराने वाले बयान ही दर्ज करवाए हैं।
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सोनाली-सुल्तान सिंह को पुलिस ने जांच में शामिल किया है। गवाहों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। उन्होंने जो बयान पहले दिए थे, वहीं दर्ज करवाए हैं।
- गंगाराम पूनिया, पुलिस अधीक्षक, हिसार।
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लाइव आकर सोनाली बोलीं- मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार पर हार नहीं मानूंगी
आज मुझे इस केस में महिला थाने बुलाया गया है। मुझे अब भी लगता है, मैं कहीं गलत नहीं हूं। पुलिस की जांच में मैं पूरा सहयोग करूंगी। पहले भी किया है। जिस तरह समाज में अच्छे कामों को लेकर भूमिका निभाई है। इस केस में मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई होती है तो मैं इसके लिए तैयार हूं। अगर कानून मुझे दोषी मानता है तो मैं सजा पाने को तैयार हूं। लेकिन आप लोगों से एक सवाल पूछना चाहती हूं। आप हर रोज कॉमेंट करते हैं कि किसानों की आवाज बनने वाला कोई नेता नहीं है। सब नेता बिके हुए हैं। ऐसी सरकार है कि किसान के लिए कुछ नहीं करती। मैंने किसान की आवाज उठाई। मैंने किसान की आवाज उठाई तो मुझे दबाया जा रहा है। अब कहां हैं, वह लोग पूछने वाले, किसानों का साथ देने वाला कोई सामने क्यूं नहीं आता। एक सवाल और पूछना चाहती हूं कि भारत में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करती हैं, वह अग्रनीय खाप पंचायतें हैं। खाप पंचायतें हमारी परंपराओं के तहत फैसला करती हैं और हमारी परंपरा क्या कहती है। जब एक लड़की को बेइज्जत किया जाता है तो हमारी परंपरा में क्या आता है। हमारे मां-बाप क्या सिखाते हैं कि या तो थप्पड़ से जवाब देकर आना या घर आकर बताना। यह हमारी परंपरा का हिस्सा है। आप लोगों से पूछती हूं कि अपनी मां-बहन बेटी के साथ अगर इस तरह का दुर्व्यवहार होता है तो भाई जाता नहीं है क्या लठ उठा के। वो थाने नहीं जाता, उसके किए का सबक सिखा के आता है। मैंने कौन सा गलत कर दिया। मैंने कौन सी अपनी परंपरा का उल्लंघन कर दिया जो बार-बार कोस रहे हो। मेरा यही मानना है ऐसे दरिदे समाज में हैं तो सबक सिखाना जरूरी है। कानून मुझे सजा दे, मैं उस सजा को भुगतूंगी। इसके लिए चाहे फांसी पर चढ़ा दिया जाए, चढ़ने को तैयार हूं। मेरे पति का साढ़े तीन वर्ष पहले स्वर्गवास हो गया। एक बेटी है मेरे। अगर मैं आज आवाज नहीं उठाती तो यह मेरी बेटी के साथ भी ऐसा करते। कोई आदमी नहीं है मेरे सिर पर, तो क्या कोई भी मुझे जलील करेगा। मैं बिल्कुल ऐसा सहन नहीं करूंगी। इतना हौसला है मेरे अंदर कि इस लड़ाई को लड़ सकूं।