एशिया की तीन चोटियों के बाद अब किसान के बेटे ने माउंट एलब्रुश पर तिंरगा फहराया
नवदीप इससे पहले एशिया के तीन महादीपों पर तिंरगा फहरा चुके हैं। 1 जनवरी 2018 को किली मंजारो पर साऊथ अफ्रीका 21 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल कर चुके हैं
हिसार, जेएनएन। मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो लक्ष्य आप से दूर नहीं हो सकता। ऐसा ही कुछ ढाणी ढुल्ट के रहने वाले नवदीप वाजिया ने कर दिखाया। नवदीप ने अपनी मेहनत और बुलंद हौसले के बदौलत यूरोप के राशिया स्थित सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रश पर तीरंगा फहराया।
हिसार के पूर्व बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट प्रदीप सिंह बाजिया ने बताया कि उनके भतीजे नवदीप ने 11 जुलाई से अपने फतेहाबाद के गांव ढाणी ढुल्ट से जाकर 14 जुलाई को यूरोप के राशिया में जाकर अपने अभियान की शुरुआत की। नवदीप ने 13 दिनों की कड़ी मेहनत और काफी कठिनाईयों का सामना करते हुए यूरोप स्थित रशिया की चोटी पर पहुंचकर फतेह हासिल की।
नवदीप ने चोटी पर पहुंचकर तिरंगा लहराकर धरा को बचाने का संदेश दिया। नवदीप ने अपनी चढ़ाई के दौरान 5642 मीटर (18505 फीट ऊंचाई) पर कठिन परिस्थितियों में पहुंचकर मंजिल को हासिल किया। यहां पर आक्सीजन की भारी कमी होती है फिर भी हौसला नहीं तोड़ा और नवदीप अपनी मंजिल को पाने में कामयाब हो गया।
नवदीप ने इससे पहले एशिया के तीन महादीपों पर तिंरगा फहरा चुके हैं। 1 जनवरी 2018 को किली मंजारो पर साऊथ अफ्रीका, 21 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतेह हासिल करके तिरंगा फहरा चुके है। राशिया में फतेह करने पर नवदीप के परिजन दादा बीरबल बाजिया, पिता रमेश बाजिया अपने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे है।
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