सरकारी रिकार्ड में एक ही प्रापर्टी कहीं अप्रूव्ड तो कहीं अनअप्रूव्ड, लोग परेशान
अक्सर विवादों में रहने वाले नगर निगम की कार्यप्रणाली पर फिर सवालिया निशान लग गया है। ताजा तरीन मामला वार्ड-11 का है। यहां पर एक ही प्रापर्टी सरकारी रिकार्ड में कहीं अप्रूव्ड है तो कहीं अनअप्रूव्ड है। इस बात को यू समझिए कि जब अमृत में सीवरेज व पानी व्यवस्था करनी हो तो निगम प्रशासन की ओर से जनप्रतिनिधि व जनता को क्षेत्र के अप्रूव्ड होने की बात कहीं जाती है लेकिन जब किसी को मकान बेचने या अन्य कार्य के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता होती है तो निगम का तर्क है कि क्षेत्र अनअप्रूव्ड है।
जागरण संवाददाता, हिसार : अक्सर विवादों में रहने वाले नगर निगम की कार्यप्रणाली पर फिर सवालिया निशान लग गया है। ताजा तरीन मामला वार्ड-11 का है। यहां पर एक ही प्रापर्टी सरकारी रिकार्ड में कहीं अप्रूव्ड है तो कहीं अनअप्रूव्ड है। इस बात को यू समझिए कि जब अमृत में सीवरेज व पानी व्यवस्था करनी हो तो निगम प्रशासन की ओर से जनप्रतिनिधि व जनता को क्षेत्र के अप्रूव्ड होने की बात कहीं जाती है लेकिन जब किसी को मकान बेचने या अन्य कार्य के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता होती है तो निगम का तर्क है कि क्षेत्र अनअप्रूव्ड है। निगम की इस दोहरी नीति की मार बेचारे वार्ड-11 के हजारों लोग झेल रहे है। जनप्रतिनिधियों की माने तो यह समस्या अकेले वार्ड-11 की नहीं बल्कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों के कई प्रापर्टी मालिकों के साथ बनी हुई है। जनता आला अफसरों पर गुहार लगा चुकी, मगर समस्या जस की तस है। बेचारे जाए तो जाए कहां।
----------
ऐसे समझे पूरा मामला
वार्ड-11 की पार्षद सरोज बाला और पार्षद प्रतिनिधि कर्मवीर सातरोडिया ने बताया कि वार्ड-11 की करीब 80 फीसद क्षेत्र को निगम ने एनडीसी पोर्टल पर अनअप्रूव्ड हिस्से में डाल रखा है। इसके कारण करीब 150 लोगों की तो तहसील में रजिस्ट्रियां रुकी हुई है। वहीं हजारों लोग निगम की दोहरी नीति के कारण परेशान है। उनका तर्क है कि अमृत योजना का सर्वे निगम प्रशासन की देखरेख में हुआ। जब उसमें जो क्षेत्र अप्रूव्ड हो गया तो व निगम के एनडीसी पोर्टल पर अनअप्रूव्ड कैसे है। कर्मवीर ने कहा कि निगम के अफसरों ने अंदरखाते सारा गोलमाल किया हुआ है। इस बारे में हम ज्वाइंट कमिश्नर से भी मिले थे। उन्होंने समस्या का एक माह में समाधान का आश्वासन दिया लेकिन आज तक नहीं हुआ।
-------------------- हाउस की बैठक में भी उठा चुका पार्षद मुद्दा
मनोनित पार्षद राजपाल मांडू ने वार्ड-11 की अप्रूव्ड व अनअप्रूव्ड क्षेत्र की प्रापर्टी का मुद्दा हाउस की बैठक में जोर-शोर से उठाया। उन्होंने इस मामले में निगम प्रशासन पर ही जनता को तंग करने का आरोप तक पूर्व में जड़ चुके हैं लेकिन आजतक जनसमस्या का समाधान नहीं हो पाया है। साल 1953 में चकबंदी हुई थी। उस क्षेत्र को अनअप्रूव्ड दिखाया हुआ है। ---------------
ये भी जानें
- मार्च, 2010 में सातरोड़ का क्षेत्र निगम में शामिल हुआ। हैरानी की बात देखिए आज तक निगम में सातरोड़ के पूरे क्षेत्र का रिकार्ड ही अपडेट नहीं है। उसमें आज भी कई कितु परंतु है। जिस कारण जनता सालों से निगम के चक्कर काट रही है। इसके अलावा सरकार ने जो कालोनियों बाद में अप्रूव्ड कर दी थी उसमें भी कई प्रापर्टी एनडीसी पोर्टल पर अनअप्रूव्ड दिखाई जा रही है।
- सेक्टरों की प्रापर्टी भी रिकार्ड में अनअप्रूव्ड दिखाई हुई थी। हालांकि निगम प्रशासन का दावा है कि रिकार्ड जांच कर उन प्रापर्टी को रिकार्ड में अप्रूव्ड कर दिया है।
- भवन निरीक्षक ने कहा कि वार्ड-11 में कालोनियों की कई प्रापर्टी हमारे रिकार्ड में अनअप्रूव्ड है। लोगों ने कालोनी का क्षेत्र बढ़ा दिया तो जो अप्रूव्ड नहीं हुई उसे हम एनओसी नहीं दे रहे है। रही बात सातरोड़ की तो उसमें लाला डोरे की समस्या भी है। इसके अलावा अमृत योजना के बारे में संबंधित अधिकारी ही बात सकता है।
-----------------
वर्जन
मेरे पास एक -दो केस आए थे, उनकी समस्या का समाधान करने के लिए फाइल संबंधित अधिकारी को भेज दी थी। यदि अधिकांश क्षेत्र में समस्या है तो आकर बताए जो समस्या समाधान हो पाएगा हमारे स्तर पर करवाया जाएगा। वहां पर काफी जमीन लाल डोरा की है उसका तहसील से जो प्रोसेस है वहां से करवाए।
- बेलिना, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम हिसार।