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26 दिसंबर को 296 साल बाद शुभफल वाला होगा सूर्य ग्रहण, 1723 में बना था ऐसा संयोग

इस बार यह दुर्लभ ग्रह-स्थिति में हो रहा है। वृद्धि योग और मूल नक्षत्र में हो रहे इस ग्रहण के दौरान बृहस्पतिवार और अमावस्या का संयोग बन रहा है। वहीं धनु राशि में 6 ग्रह एक साथ हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 01:49 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 09:28 AM (IST)
26 दिसंबर को 296 साल बाद शुभफल वाला होगा सूर्य ग्रहण, 1723 में बना था ऐसा संयोग
26 दिसंबर को 296 साल बाद शुभफल वाला होगा सूर्य ग्रहण, 1723 में बना था ऐसा संयोग

रोहतक, जेएनएन। आमतौर पर सूर्य ग्रहण से कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। सूर्य ग्रहण के समय लोग मंत्र जाप आदि भी करते हैं। सूर्य ग्रहण से नुकसान होता है ऐसा माना जाता है। मगर इस साल के आखिरी सूर्यग्रहण और अमावस्या को लेकर इस बार अलग स्‍थित‍ि है। रोहतक के दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी आचार्य मनोज मिश्र ने बताया कि ज्योतिष विद्या के अनुसार 26 दिसंबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा।

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इस बार यह दुर्लभ ग्रह-स्थिति में हो रहा है। वृद्धि योग और मूल नक्षत्र में हो रहे इस ग्रहण के दौरान बृहस्पतिवार और अमावस्या का संयोग बन रहा है। वहीं, धनु राशि में 6 ग्रह एक साथ हैं। ऐसा दुर्लभ सूर्यग्रहण 296 साल पहले 7 जनवरी 1723 को हुआ था। उसके बाद ग्रह-नक्षत्रों की वैसी ही स्थिति 26 दिसंबर को रहेगी। ग्रहण की अवधि 5 घंटे 36 मिनट की रहेगी।

बृहस्पतिवार को अमावस्या का संयोग

आचार्य मिश्र के अनुसार अमावस्या शुभ फल देने वाली होती है। 26 दिसंबर, बृहस्पतिवार को पौष माह की अमावस्या का संयोग भी 3 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 29 दिसंबर 2016 को बृहस्पतिवार और अमावस्या थी। इस संयोग के प्रभाव से ग्रहों की अशुभ स्थिति का असर कम हो जाता है। इससे अच्छी आर्थिक और राजनीतिक स्थितियां बनती हैं।

ग्रहण का टाइम

सुबह 8:00 से दोपहर 1:36 तक

ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटा 36 मिनट

सूतक प्रारंभ 25 दिसंबर को रात्रि 8:00 बजे से

ग्रहण का फल

आचार्य के अनुसार इस ग्रहण के स्वामी अग्नि है। इसके फलस्वरूप फसल और धन प्राप्ति में वृद्धि होगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। लोगों के भय और रोगों का नाश होगा और देश के बड़े पदों की जिम्मेदारियां पूरी होंगी। देश के महत्वपूर्ण कार्य भी सिद्ध होंगे।

---बाबा लक्ष्मणपुरी डेरा परिसर स्थित गोकर्ण सरोवर के प्रति लोगों की विशेष आस्था है। प्रत्येक अमावस्या के अवसर यहां अकसर काफी भक्त स्नान करते हैं। हालांकि इन दिनों सर्दी है लेकिन भक्तों का जज्बा सर्दी पर भारी रहता है। अमावस्या को लेकर तालाब में पानी भर दिया जाएगा और भी तमाम इंतजाम किए जाएंगे।

- बाबा कपिलपुरी, महामंडलेश्वर, बाबा लक्ष्मणपुरी डेरा, रोहतक।


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