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अंतरजातीय विवाह करने पर पंचायत ने किया सामाजिक बहिष्‍कार, अब आया नया मोड़

क्षेत्र के एक गांव की लड़की और लड़का लापता हो गए थे और बाद में जानकारी मिली की दोनों ने अंतरजातीय विवाह कर लिया। जिसके कारण गांव में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।

By manoj kumarEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 11:27 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 11:27 AM (IST)
अंतरजातीय विवाह करने पर पंचायत ने किया सामाजिक बहिष्‍कार, अब आया नया मोड़
अंतरजातीय विवाह करने पर पंचायत ने किया सामाजिक बहिष्‍कार, अब आया नया मोड़

हिसार/उकलाना, हिसार। उकलाना क्षेत्र के एक गांव में अंतर जातीय विवाह करने के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सोमवार को गांव में पंचायत हुई। जिसमें पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। जिसमें पंचायत ने कहा कि उन्होंने किसी का भी सामाजिक बहिष्कार नहीं किया बल्कि दोनों परिवारों को अमन चैन बनाए रखने के लिए समझाया था। जबकि इससे पहले हुई पंचायत में पंचों ने कुछ ओर ही फरमान सुनाया था। ऐसे में पुलिस की सख्‍ती का असर दिखाई दिया हैं। वहीं सूत्रों के अनुसार एक और नया मोड़ मामले में आया है पिता ने प्रेम विवाह करने वाले अपने बेटे को बेदखल कर दिया है और लड़की से भ्‍ाी परिजनों ने नाता तोड़ लिया है। वहीं प्रेमी जोड़ा भी भूमिगत हो गया है। पुलिस जांच में जुटी हुई है।

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गौरतलब है कि क्षेत्र के एक गांव की लड़की और लड़का लापता हो गए थे और बाद में जानकारी मिली की दोनों ने अंतरजातीय विवाह कर लिया। जिसके कारण गांव में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। रविवार को गांव में पंचायत हुई थी और पूरे मामले में बातचीत हुई थी। जिसे लेकर चर्चा चली थी कि पंचायत ने अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़े और लड़के के परिजनों का बहिष्कार कर दिया गया है। लड़के के परिजनों को 31 जनवरी तक गांव छोड़कर जाना होगा। यह बात पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई थी। जिस पर डीएसपी जयपाल सिंह और एसएचओ कृष्ण लाल ने संज्ञान लिया। जिस 11 सदस्यों की कमेटी का नाम सामने आया था उसे सोमवार को पुलिस थाने में तलब किया गया था। पुलिस ने गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बढ़ा दी थी और हर गतिविधि पर नजर रखी जाने लगी थी।

सोमवार को गांव में फिर एक पंचायत हुई। एसएचओ कृष्ण लाल भी पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचे। ग्रामीणों ने एसएचओ कृष्ण लाल को लिखित में एक पत्र दिया और कहा कि गांव के लड़के और लड़की द्वारा शादी करने के मामले में लड़का और उनके परिवार को गांव छोडऩे का कोई फरमान जारी नहीं किया गया है। गांव में बढ़ते तनाव को रोकने के लिए पंचायत बुलाई गई थी। जिसमें दोनों पक्षों को भी बुलाया गया था कि वे कोई भी ऐसा कदम मत उठाएं जो गैर कानूनी हो या शांति व्यवस्था भंग हो। गांव का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है और न ही किसी के ऊपर गांव छोडऩे के लिए दबाव बनाया गया है। ग्रामीणों ने 11 सदस्यों की कमेटी गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बनाई गई थी। दूसरी तरफ अंतरजातीय विवाह करने वाले लड़के के पिता ने कहा कि उन्हें किसी भी ग्रामीण से कोई शिकायत नहीं है। ना ही उन्होंने इस संबंध में पुलिस को कोई शिकायत दी है।

किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं : एसएचओ

एसएचओ उकलाना कृष्‍ण लाल ने कहा कि गांव में स्थिति पर पुलिस लगातार नजर बनाए हुए है और किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। ग्रामीणों ने पुलिस को लिखित में दिया है कि उन्होंने किसी को गांव छोडऩे के लिए फरमान जारी नहीं किया गया है। इसके साथ किसी व्यक्ति ने भी इस संबंध में पुलिस को शिकायत भी नहीं दी गई है। लेकिन पुलिस पूरे मामले पर संज्ञान ले रही है और ग्रामीणों को हिदायत दी गई है कि वे कानून के खिलाफ कोई भी कदम नहीं उठाएं।


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