इलाज ना मिलने पर कोरोना पॉजिटिव की मौत के मामले में एसएमओ का जवाब नामंजूर
इलाज न मिलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। अब एसएमओ को सीएमओ को ये बताना होगा कि कब कैसे क्या हुआ था। इसकी विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी। 3 अक्टूबर को अस्पताल में बेटे ने इलाज ना करने का आरोप लगाया था।
हांसी/हिसार, जेएनएन। सिविल अस्पताल में समय पर इलाज ना मिलने पर कोरोना मरीज के दम तोडऩे के मामले में अस्पताल प्रशासन की लीपापोती करने की कोशिशें नाकामयाब हो गई हैं। सीएमओ ने एसएमओ की तरफ से भेजे गए स्पष्टीकरण को नामंजूर कर नए सिरे से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि बीती 3 अक्टूबर को सिविल अस्पताल में एक बुजुर्ग व्यक्ति कोरोना टेस्ट करवाने के लिए आया था। पॉजिटिव मिलने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। स्वजनों ने ड्यूटी पर मौजूद डाक्टरों पर बुजुर्ग को सही समय पर इलाज ना देने का आरोप लगाया था। मृतक के बेटे का आरोप है कि सिविल अस्पताल में तड़प रहे उनके पिता को कई घंटे तक डाक्टरों ने नहीं संभाला। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पताल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा गया था जिसमें गोलमोल जवाब भेज दिया गया और इमरजेंसी में तैनात रही महिला डॉक्टर की स्थिति के बारे में कोई जिक्र नहीं किया था।
एसएमओ के स्पष्टीकरण से साफ था कि अस्पताल प्रशासन मामले में लापरवाही बरतने वाले डाक्टर पर कार्रवाई के बजाय मामले को दबाने में लगा हुआ है। अब सीएमओ की तरफ से घटना वाले दिन की सिलसिलेवार जानकारी मांगी गई है कि कब क्या हुआ था। एसएमओ द्वारा फिर से रिपोर्ट तैयार की जा रही है। वहीं, मृतक के बेटे ने मामले में सीएम ङ्क्षवडो पर भी शिकायत दर्ज करवा रखी है।
इन सवालों के जवाब में उलझा अस्पताल
-मरीज को आइसोलेशन वार्ड में क्यों नहीं रखा
- तबीयत बिगडऩे पर ऑक्सीजन क्यों नहीं लगाई
- इमरजेंसी में तैनात डाक्टर की ट्रीटमेंट हिस्ट्री
- आरआरटी टीम को सूचना कब दी गई