हार्डवर्क से सक्सेस मुश्किल इसलिए स्मार्ट वर्क करें: उपायुक्त
जागरण संवाददाता हिसार हार्डवर्क से सक्सेस मुश्किल है इसलिए स्मार्ट वर्क करें ताकि जिदगी मे
जागरण संवाददाता, हिसार: हार्डवर्क से सक्सेस मुश्किल है इसलिए स्मार्ट वर्क करें, ताकि जिदगी में सफल हो सकें। यह बात जिले में नवनियुक्त उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने कही। वह शनिवार को दैनिक जागरण की ओर से ऋषि नगर स्थित आवर्स एकेडमी में राष्ट्रीय युवा दिवस पर समाज के समग्र विकास में युवाओं की भूमिका विषय पर आयोजित किए गए जागरण संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुईं। इस दौरान उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी से विद्यार्थियों ने जेएनयू, सरकारी व निजी स्कूलों से संबंधित और राजनीति, आरक्षण, कंपीटिशन एग्जाम और उनकी निजी जिदगी से जुड़े सवाल पूछे। डा. प्रियंका ने भी विद्यार्थियों के सवालों के जवाब बड़े ही रोचक ढंग से देते हुए नई जानकारियां दीं। इस अवसर पर दैनिक जागरण हिसार यूनिट के महाप्रबंधक राहुल मित्तल, आवर्स एकेडमी के निदेशक इंजीनियर सुरेंद्र पूनिया और चेयरमैन अनूप पूनिया ने उपायुक्त का स्वागत किया। मंच संचालन सचिन ने किया।
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युवा आगे बढ़ेंगे तो दहेज प्रथा और जातिगत भेदभाव दूर हो जाएगा
उपायुक्त ने कहा कि कंपीटिशन एग्जाम की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह बहुत कीमती समय है। हम जीवन में जो कर रहे हैं, उसका हम पर और हमारे समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, यह हमें देखना चाहिए। देश को एक दिशा देने का काम युवा ही करते हैं। युवाओं को भारत की संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहिए। हम मिलिट्री, इंजीनियरिग, स्पेस टेक्नोलॉजी व अन्य टेक्नोलॉजी में विकास कर रहे हैं, इसलिए भारत आने वाले समय में बहुत आगे बढ़ेगा। आज के युवा समझदार हैं और उसी हिसाब से निर्णय भी लेते हैं। जैसे-जैसे युवा आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे दहेज प्रथा और जातिगत भेदभाव जैसी बुराइयां दूर हो जाएंगी। जब हम मछली की आंख को टारगेट कर लेंगे तो हमें पता लग जाएगा कि हमारा लक्ष्य क्या है और समाज के विकास में क्या योगदान दे सकते हैं।
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आइये जानते हैं विद्यार्थियों द्वारा उपायुक्त से पूछे गए कुछ मुख्य सवालों के जवाब -
सवाल - अंशुल यादव ने उपायुक्त से पूछा कि यूपीएससी करने में काफी समय लग जाता है। ऐसे में हम क्या करें और इंटरव्यू की तैयारी कैसे कर सकते हैं।
जवाब - यूपीएससी की लगातार परीक्षा देने से और असफल होने से हम तनाव में जा सकते हैं। इसलिए अकेले तैयारी से काम नहीं चलेगा। इसलिए साथ में किसी विषय से संबंधित जॉब जरूर करें, ताकि हमें तनाव न हो। इंटरव्यू के लिए शिक्षकों और सीनियर के सामने बैठो और कहो कि मेरा इंटरव्यू लो, यही सही तरीका है।
सवाल - चेतन ने पूछा कि जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालय में चल रहे मामलों में क्या हिसार के विद्यार्थियों को भी विरोध करने के लिए आगे आना चाहिए।
जवाब - कोई भी रिएक्शन देने से पहले मामले की वास्तविकता का पता होना चाहिए। जहां घटना होती है, वहां की वास्तविकता उस जगह मौजूद लोगों को ही पता होती है। सोशल मीडिया पर देखी व सुनी बातों पर रिएक्ट न करें। वहां क्या स्थिति है वह हम यहां बैठ कर नहीं जान सकते। हिसार के विद्यार्थियों के विरोध की बात है तो यह उम्र राजनीति में भाग लेने की नहीं है।
सवाल - स्मीतली ने पूछा कि क्या विभिन्न पदों की सीटों पर जातिगत आरक्षण जरूरी है।
जवाब - यह फैसले देश के संविधान में लिए गए हैं। ऐसे में संविधान में बनाए गए नियमों पर हम यहां बैठकर प्रश्न उठाएं तो मुझे नहीं लगता हम इस बात के लिए सक्षम हैं।
सवाल - ईशा ने पूछा कि मेरे दादा व पिता सरकारी स्कूल में पढ़े हैं लेकिन मुझे सरकारी स्कूल में पढ़ाने से क्यों कतराते हैं।
जवाब - उस समय सरकारी स्कूल ही होते थे। अब जिसकी आर्थिक स्थिति अच्छी है, वही निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाते हैं। जनसंख्या बढ़ने से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। लेकिन टीचर्स कम हैं। यदि आप लोग ठान लें कि हमें सरकारी में पढ़ना है और टीचर भी बनना है तो सरकारी स्कूलों में बदलाव आ सकता है।
सवाल - नीतिका ने पूछा कि स्मार्ट वर्किंग व हार्ड वर्किंग में क्या अंतर है।
जवाब - हार्ड वर्क, स्मार्ट वर्क के अंदर ही आता है। एक बेसिक लेवल तक आप लगातार पढ़ते हैं, रिवाइज करते हैं, इसे हार्ड वर्क कह सकते हैं। वहीं इसके बाद आप मैनेजमेंट करके नोट्स बनाकर पढ़ते हैं तो यह स्मार्ट वर्क में आ जाता है। ठीक यही बात अन्य कार्यों पर भी लागू होती है। हार्डवर्क से सफलता मुश्किल है, इसलिए स्मार्ट वर्क करें।
सवाल - मोहित ने पूछा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में बायोलॉजी विषय पर कैसे वर्क करें।
जवाब - बायोलॉजी विषय काफी हार्ड है लेकिन कई लोग इसमें अच्छे भी होते हैं। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि यह ऐसा विषय है कि बुक खोलते ही नींद आती है। मेरे भी बायोलॉजी में 15 फीसद नंबर ही आए थे। लेकिन मैं फिजिक्स विषय में अच्छी थी। यहां स्मार्ट वर्क काम आया। मैंने अन्य विषयों पर काम किया और बायोलॉजी पर भी मेहनत की। इसलिए जिन विषयों में वीक हैं, उन पर काम करें, लेकिन जिसमें आप स्ट्रोंग हो उन पर और अधिक मेहनत करो।
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सवाल - सोनू ने पूछा कि आपको यूपीएससी करना था तो एमबीबीएस क्यों किया।
जवाब - मैं 10वीं में थी तो आगे पता नहीं था क्या करना है। उस समय तो राजनीतिक बातों की भी जानकारी नहीं थी। उस समय परिजनों ने जो कहा, वो कर लिया। अगर यूपीएससी में नहीं होती तो बीएससी कर रही होती।
सवाल - साहिल ने पूछा कि यूपीएससी की तैयारी में क्या साधन प्रयोग करें।
जवाब - यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रतिदिन न्यूज पेपर पढ़ें, यही सबसे ज्यादा जरूरी है।
सवाल - रेनूका ने पूछा कि हिसार के लिए क्या सोचा है।
जवाब - जो भी सरकारी योजनाएं हैं, उन्हें आगे बढ़ाने का काम करूंगी। साथ ही शहर में सरकारी स्कूलों के टीचर को प्रेरित करूंगी कि अच्छा काम करें और सरकारी स्कूलों को आगे बढ़ाएं। वहीं महिलाओं को आगे बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा। सरकारी कार्यों की मॉनिटरिग करते हुए काम किया जाएगा। सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले पेरेंट्स अपने बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं। सरकारी स्कूल के बच्चे भी आगे बढ़ें। इस पर भी काम किया जाएगा।
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सवाल - चेतन ने पूछा कि लाइसेंस बनवाने में समय लग जाता है।
जवाब - सरल केंद्र पर ऐसी कोई समस्या नहीं है, हालांकि नवरात्रों के समय भीड़ रहती है। लेकिन श्राद्ध में भीड़ नहीं होती। इस काम की लगातार मॉनिटरिग की जाएगी।
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सवाल - सिद्धार्थ ने पूछा कि सरकारी कार्यों में बदलाव लाने के लिए क्या किया।
जवाब - मैंने ऑफिस की सीटिग तो सबसे पहले बदली है। सरकारी सिस्टम थोड़ा धीरे चलता है, क्योंकि बहुत सारे चेक और बैलेंस के साथ यह काम होता है। इसलिए सरकार को पूरी जनता को साथ लेकर चलना पड़ता है इसलिए सरकारी कार्यों में अधिक समय लगता है।