45 डिग्री तापमान में उपलों की आग के बीच बैठ 41 दिन की तपस्या, बाबा केदारनाथ के समारोह में जुटे 200 गांव
41 दिन की 1008 धूणी तपस्या बड़ी कठिन और पीड़ादायक होती है लेकिन तपस्वी साधु के शरीर व आचरण में पीड़ा और कष्ट का कोई स्थान नहीं होता है। इस अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
ढिगावा मंडी मदन श्योराण। भिवानी के गांव बड़दू चैना में स्थित 8 गांव का मैडी स्थान बाबा भोम गिरी आश्रम के तपस्वी महंत केदारनाथ महाराज की 41 दिन 1008 धूणा तपस्या संपन्न हो गई। पूजा के समापन अवसर पर महंत योगी केशव नाथ महाराज भी पहुंचे। इस उपलक्ष में शांति हवन तथा भंडारे का आयोजन किया गया। साधु समागम के बीच देश के कई राज्यों के साधु जन पधारे। साधु समाज की परंपराओं के अनुसार भंडारे व अनुष्ठानों का आयोजन किया गया।
बतां दे कि भारत देश ऋषि-मुनियों और तपस्वियों की धरती रहा है, यहां कुछ ऐसे साधु संत आज भी हैं जो अब भी तपस्या करते हुए देखे जा सकते हैं। बुजुर्गों ने बताया कि वर्षों बाद ऐसे तपस्वी महाराज देखने को मिले हैं जो कि सनातन धर्म की रक्षा, विश्व शांति एवं आपसी भाईचारा कायम रखने के लिए 47 डिग्री तापमान में 1008 धूणा की तपस्या कर रहे हैं।
बाबा केदारनाथ महाराज की 41 दिन की तपस्या पूर्ण होने पर तपस्वी महाराज को फूल माला पहनाकर योगी केशव नाथ महाराज ने तपस्या के पूर्ण होने पर आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर योगी केशव नाथ महाराज ने कहा की एक साधु की तपस्या उस राष्ट्र समाज के कल्याण में समर्पित होती है। निश्चित ही ऐसी कठोर तपस्याओं से राष्ट्र व धर्म मजबूत होता है। संतों ने अतीत और वर्तमान में धर्म को मजबूत बनाने के लिए तरह-तरह की तपस्या के माध्यम से कल्याण की कामना करते रहे हैं और कर भी रहे हैं।
41 दिन की 1008 धूणी तपस्या बड़ी कठिन और पीड़ादायक होती है लेकिन तपस्वी साधु के शरीर व आचरण में पीड़ा और कष्ट का कोई स्थान नहीं होता है। इस अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
केदारनाथ महाराज की तपस्या में 14 लाख उपले लगे
पूर्व सरपंच रतन सिंह, मास्टर धर्मपाल अमीरवास, पूर्व सरपंच मेहताब, कृष्ण श्योराण, पूर्व चेयरमैन बहादुर चंद शर्मा आदि ने बताया कि बाबा केदारनाथ के द्वारा 1008 धूणी तपस्या 6 एकड़ में 100 सेवको ने मिलकर 41 दिन तक धूणी लगाने का काम किया है। पहले दिन हर धूणी पर 11 उपले लगाए हैं इसी प्रकार हर रोज एक उपला जोड़कर धूणी में लगाया गया। 41 वे दिन हर धूणी में 51 उपले लगाए गए।
इस प्रकार पहले दिन 11 हजार अठासी उपले की धूणी बनाई गई थी और 41 वे दिन कुल 14 लाख से ज्यादा उपले लगाए गए। इस मौके पर सांसद धर्मवीर, महंत श्याम नाथ हलुवास, महंत वेदनाथ भिवानी, किशन नाथ ददरेवा, दीपक नाथ, पूर्ण नाथ, प्रीतम नाथ, मनोज नाथ, बलबीर नाथ सहित अनेक साधु संत व हजारों ग्रामीण उपस्थित रहे।