Sirsa News: कृषि विभाग ने लांच की फार्म एप, किसानों को कृषि यंत्र किराये पर देने और लेने में होगी आसानी
पराली जलाने से जहां प्रदूषण बढ़ता है इसी के साथ भूमि की उपजाऊ शक्ति कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जमीन में मिलाने से कार्बनिक पदार्थ बढ़ाते हैं। जिससे मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की सक्रियता बढ़ जाती है।
जागरण संवाददाता, सिरसा। पराली को भूमि में मिलने के लिए एप के माध्यम से किसान कृषि यंत्र किराये पर दे व ले सकेंगे। कृषि विभाग ने इसके लिए फार्म एप लांच की है। विभाग के अधिकारी किसानों को एप डाउनलोड करवाने का कार्य करवा रहे हैं। विभाग द्वारा अनुदान पर किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए हैं। जिसके तहत सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, हैपी सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर, मल्चर, कटर कम सपरेडर, रोटावेटर, जीरों टिल ड्रिल मशीन, रोटरी स्लेशर, रिवरसीबल एम बी प्लो मशीन उपलब्ध करवाई है। इसी के साथ कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गये हैं।
पराली जमीन में मिलने का कार्य करें किसान
कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि विभाग द्वारा मंगलवार को पराली प्रबंधन पर किसान जागरूकता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में किसानों को पराली कृषि से भूमि में मिलने के तौर तरीके बताए गये। इसी के साथ कृषि विभाग द्वारा जारी की गई फार्म एप डाउनलोड करवाई गई। किसानों को संबोधित करते हुए कृषि विभाग के सहायक अभियंता दिनेश शर्मा ने कहा कि किसान पराली न जलाकर भूमि में मिलने का काम करें।
पराली जलाने से जहां प्रदूषण बढ़ता है, इसी के साथ भूमि की उपजाऊ शक्ति कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जमीन में मिलाने से कार्बनिक पदार्थ बढ़ाते हैं। जिससे मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की सक्रियता बढ़ जाती है। नाइट्रोजन और सल्फर तत्वों की उपलब्धता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि पौधों के अन्य आवश्यक पोषक तत्व जैसे फास्फोरस, कैल्शियम, पोटाशियम, मैगनिशियम को बढ़ाते हैं।
विभाग के इंजीनियर तरूण कुमार ने कहा कि फसल अवशेष में आग लगाने से वातावरण में हानिकारक गैसों व अवशेषों की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे मनुष्य, पशु पक्षियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अवशेषों को जलाने से लाभदायक कीड़े एवं सूक्ष्म जीवों की मौत हो जाती है। जो कि मिट्टी की उपजाऊ शक्ति व रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए अति आवश्यक है।