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धर्म परिवर्तन नहीं किया तो हिंदू भाई-बहन को स्‍कूल से निकाला, छात्रा बोली- धमकी देते हैं

छात्रा का आरोप है कि अश्लील बातें बोलकर नीचा दिखाने का प्रयास किया गया। उसे धमकी दी गई कि यदि ईसाई नहीं बनी तो ऐसा कार्य करेंगे कि वह किसी को सूरत दिखाने के लायक नहीं रहेगी।

By manoj kumarEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 04:20 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 11:19 AM (IST)
धर्म परिवर्तन नहीं किया तो हिंदू भाई-बहन को स्‍कूल से निकाला, छात्रा बोली- धमकी देते हैं
धर्म परिवर्तन नहीं किया तो हिंदू भाई-बहन को स्‍कूल से निकाला, छात्रा बोली- धमकी देते हैं

डबवाली (सिरसा) जेएनएन। भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है, मगर फिर भी धर्म के नाम पर होने वाली अनेक घटनाएं सामने आती रहती हैं। ताजा मामला हरियाणा के सिरसा जिले के एक स्‍कूल का है। आरोप है कि मिशनरी स्कूल ने अपने यहां पढ़ रहे भाई-बहन पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया और नहीं मानने पर दोनों को स्कूल से निकाल दिया। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने सेंट जोसफ हाई स्कूल के प्रधानाचार्य जैरीपोलो, फादर डोमिनिक, सर ऐन्टोनियो व विनीता के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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बठिंडा रोड स्थित इस निजी स्कूल में पढऩे वाली छात्रा ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि वह हिंदू धर्म से संबंध रखती है। स्कूल के ईसाई धर्म से संबंध होने के कारण आरोपित उन पर दबाव बनाते थे कि वे ईसाई बन जाएं। आस्था नहीं दिखाई तो धर्म के नाम पर बार-बार बेइज्जत किया जाने लगा। स्कूल के उच्च अधिकारियों के पास मामला पहुंचाया तो जान से मारने की धमकी दी।

छात्रा का आरोप है कि अश्लील बातें बोलकर नीचा दिखाने का प्रयास किया गया। उसे धमकी दी गई कि यदि ईसाई नहीं बनी तो ऐसा कार्य करेंगे कि वह किसी को सूरत दिखाने के लायक नहीं रहेगी। गत 25 जनवरी को उसे और उसके भाई को स्कूल से निकाल दिया गया।

 इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस
1. पोक्सो (द प्रॉटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट-2012 की धारा 12)
लैंगिक उत्पीडऩ के लिए दंड। तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान।
2. 297आइपीसी : किसी व्यक्ति के धर्म का अपमान करने पर। इसके तहत एक वर्ष की सजा या जुर्माना हो सकता है। दोनों से दंडित किया जा सकता है।
3. 34 आइपीसी : जब एक आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो प्रत्येक व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए जिम्मेदार होता है।
4. 506 आइपीसी : आपराधिक धमकी पर दो वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों। यदि धमकी मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने आदि के लिए है।
(।।) यदि धमकी मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने आदि के लिए है तो सात वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों। यह एक जमानती, गैर संज्ञेय अपराध है। प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

-- छात्रा की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। महिला थाना प्रभारी सुशीला रानी शिकायतकर्ता लड़की व आरोपितों के बयान लेंगी। उसके बाद मैं स्वयं मामले की जांच करूंगा।
- किशोरी लाल, डीएसपी


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