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    सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी, एंटी रेबीज के इंजेक्शन तक नहीं, वापस लौटते हैं मरीज

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Tue, 13 Sep 2022 11:34 AM (IST)

    सरकारी अस्पतालों से लेकर ईएसआइ की डिस्पेंसरी तक में दवाइयां पर्याप्त नहीं हैं। यहां तक कि सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज के इंजेक्शन तक नहीं हैं। डेढ़ से दो माह के अंतराल पर गिनती के इंजेक्शन आते हैं तो वे दो सप्ताह भी नहीं चल पाते ।

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    बेहतर सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया जाता है मगर दूसरी तरफ हकीकत कुछ और है

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : एक तरफ सरकार की ओर से लोगों को बेहतर सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया जाता है और दूसरी तरफ हकीकत कुछ और है। सरकारी अस्पतालों से लेकर ईएसआइ की डिस्पेंसरी तक में दवाइयां पर्याप्त नहीं हैं। यहां तक कि सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज के इंजेक्शन तक नहीं हैं। डेढ़ से दो माह के अंतराल पर गिनती के इंजेक्शन आते हैं तो वे दो सप्ताह भी नहीं चल पाते ।

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    ऐसे में यहां पर कुत्ते के काटे के इलाज के लिए आने वालों को वापस ही लौटना पड़ता है। जितनी तादाद में शहर और ग्रामीण अंचल में स्ट्रीट डाग हैं उससे रोजाना कई मरीज कुत्ते के काटने के इलाज के लिए आते हैं। यदि किसी मरीज को पांच इंजेक्शन लगने हैं तो उसमें से एक या दो लगने के बाद बाकी इंजेक्शन बाजार से खरीदने पड़ते हैं, क्योंकि स्टाक तब तक खत्म हो जाता है।

    स्टाफ और डाक्टरों के पास एक ही जवाब होता है कि पीछे से इंजेक्शन नहीं आ रहे हैं। दरअसल, यहां पर दवाइयां की कमी आज से नहीं, बल्कि काफी दिनों से है। वैसे तो इस अस्पताल में भी मुख्यमंत्री इलाज योजना के तहत ज्यादातर सेवाएं फ्री है लेकिन जब दवाइयां ही उपलब्ध नहीं है तो आखिरकार मुक्त सेवा का अर्थ क्या रह जाता है।

    यही हाल कुछ दूसरी दवाइयों का भी है। जिले के सीएमओ डा. ब्रह्मदीप सिंह ने यहां का दौरा किया तो वेयर हाउस से दवाइयां मंगवाने की बात कही थी, लेकिन अभी पर्याप्त दवाइयां यहां पर नहीं है। दूसरी तरफ अगर ईएसआइ डिस्पेंसरी की बात करें तो यहां पर भी ऐसा ही हाल है। यहां पर दवा लेने के लिए आने वाले मरीजों को वापस लौटना पड़ता है।

    डाक्टर ने यदि तीन से चार दवाइयां लिखी हैं तो उनमें से एक या दो ही मिल पाती है, और वह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं। बाकी दवाइयां मरीजों को बाजार से खरीदनी पड़ रही हैं। कामगार तबका यहां पर इलाज की उम्मीद लेकर जाता है लेकिन दवाइयां पर्याप्त न मिलने से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है। ईएसआइ के एसएमओ डा. संजय कुमार ने बताया कि कुछ दवाइयां फिलहाल उपलब्ध नहीं है। जल्द ही सप्लाई आ जाएगी।