Move to Jagran APP

लाखों कमाने के चक्कर में यहां मुर्दो को दफनाने की ही बदल दी परंपरा

बच्चों के शवों को दबाने के लिए एक के ऊपर एक तीन लेयरों में कब्रें बना दी गई हैं। यह सब लाखों रुपये की इनकम के लिए किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 May 2018 03:22 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 03:25 PM (IST)
लाखों कमाने के चक्कर में यहां मुर्दो को दफनाने की ही बदल दी परंपरा
लाखों कमाने के चक्कर में यहां मुर्दो को दफनाने की ही बदल दी परंपरा

जेएनएन, हिसार : सेक्टर 14बी के साथ लगते बच्चों के श्मशान घाट को लेकर श्मशान भूमि सुधार समिति के पदाधिकारी खानापूर्ति करने में लगे हुए हैं। निगम अधिकारियों को दिखाने के लिए समिति ने मिट्टी से दीवार बनानी शुरू कर दी है, लेकिन इसके पीछे की मंशा कुछ और ही है। शास्त्रों को दरकिनार कर बच्चों के श्मशान की जमीन पर ये दुकानें बनाई गई हैं। बच्चों के शवों को दबाने के लिए एक के ऊपर एक तीन लेयरों में कब्रें बना दी गई हैं। यह सब लाखों रुपये की इनकम के लिए किया गया है।

loksabha election banner

सूत्रों के अनुसार समिति ने बड़ी चालाकी से छह की जगह 17 दुकानें बनाईं और उन दुकानों के ऊपर और 17 दुकानों का प्रावधान भी रख दिया, जिससे भविष्य में यहां एक बड़ी मार्केट दो कॉलोनियों व सेक्टर 14बी के लिए स्थापित की जा सकें। प्रॉपर्टी डीलर्स के अनुसार सेक्टर 14 व 14 बी की मार्केट से भी महंगी यह दुकानें है। बस स्टैंड का गेट खुलने व सेक्टर 14 के साथ लगने से इन दुकानों की कीमत 50 से 70 लाख हो जाती है। इतना ही नहीं, दुकानों की पगड़ी पर भी समिति के पदाधिकारी देते है तो 20 लाख रुपये कम से कम प्रति दुकान जाएगी। जिसका मुख्य कारण यह है कि सेक्टर 14 बी की कीमतें लगातार बढ़ रही है। मौजूदा समय में 30 से 40 हजार रुपये प्रतिगज के आस पास जमीन के रेट पहुंच चुके हैं।

...

इस तरह चल रहा 'खेल'

तीन रास्ते सेक्टर 14 से दुकानों को जोड़ते हैं। विवाद न होता तो सेक्टर 14 की ओर दुकानों का गेट खोला जाना था।

. मुख्य श्मशान घाट की जमीन के सामने पार्किंग न बनाकर दूसरी जगह पार्किंग बनाने का मकसद दुकानें बनाना ही था।

. बस स्टैंड का गेट खुलने पर पूरी मार्केट यहां विकसित की जानी थी। क्योंकि दुकानों के बीच में सीढि़यां बनाई गई हैं, जिससे उसके ऊपर 17 दुकानें ओर बनाई जा सकें।

. सेक्टर 14बी, ऋषि नगर, न्यू ऋषि नगर और श्मशान के आस पास की जन संख्या के लिए यह मार्केट स्पेशल बनती है।

यह है नुकसान

दुकानें बनने से बच्चों के श्मशान घाट के लिए जगह ही नहीं बचती। जिस साढ़े तीन एकड़ जमीन की बात प्रधान व अन्य पदाधिकारी करते है। उस जमीन पर पहले ही प्लांट व पार्क बनाने आदि के प्रपोजल चल रहे है। श्मशान की एक मात्र बची जमीन पर दुकानें बना दी गई है। ऐसे में ब'चों को तीन लेयर में बने श्मशान में ही दफनाना पड़ेगा।

. बस स्टैंड का गेट पीछे खुलने के साथ ही यह दुकानें हादसों का केंद्र बन जाएगी। क्योंकि जिस प्रकार कट दुकानों के लिए दिया गया है। वह हादसों को बढ़ावा देगा। ...

यह था प्लान

. 17 दुकानों पर कार्रवाई नहीं होती तो यहां पर 34 दुकानें भविष्य में बनाई जानी थी।

. सड़क हादसे आदि का खतरा दिखाते हुए सेक्टर 14 की ओर अलग - अलग तीन रास्ते बनाकर मार्केट से जोड़े जाने थे।

..

शास्त्रों के अनुरूप इस प्रकार से लेयर नहीं बनाई जानी चाहिए। ब'चों के लिए अलग से कब्र होनी चाहिए। जो इस प्रकार दफना रहे हैं, वह शास्त्रों के खिलाफहै। सवा दो साल के ब'चों को दफनाया जाता है। उसके बाद बड़ी उम्र के दाह संस्कार किया जाता है। 27 माह केमृत ब'चों को दफानाने का ¨हदू धर्म का नियम है।

- पंडित देव शर्मा

..

- श्मशान घाट भूमि की दुकानें अहम जगह पर बनाई गई हैं। दुकानें एक ओर सेक्टर 14 से लगती हैं और दूसरी ओर बस स्टैंड का गेट खुलने पर इनकी अहमियत बढ़ जाएगी। पगड़ी की बात करें तो प्रति दुकान 20 से 30 लाख रुपये की होगी। कीमत की बात करें तो 50 से 70 लाख रुपये के करीब एक दुकान की कीमत होगी। सेक्टर 14 बी की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। इसलिए यह अहम होती जा रही है।

- विनोद तोसावाड़, तोसावड़ प्रॉपर्र्टी, सेक्टर-14। ---

- पुलिस फोर्स के साथ दुकानों पर कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के श्मशान घाट की भूमि पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। कोई कुछ भी कहे, जमीन दुकानों को हटाया जाएगा।

जयबीर ¨सह यादव, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.