सचिन का रिकाॅर्ड तोड़ने वाली शेफाली का महिला T-20 विश्व कप के लिए इंडियन टीम में चयन
महज 15 साल की उम्र में सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाली हरियाणा के रोहतक की बेटी शेफाली अब इंडियन टीम में अपनी छाप छोड़ने को तैयार है। वे सबसे तेजी से अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई हैं
रोहतक, जेएनएन। सात साल पहले पिता के साथ गली में क्रिकेट खेलना शुरू करने वाली हरियाणा के रोहतक जिले की बेटी शेफाली अब एक के बाद एक कामयाबी के शिखर छू रही है। महज 15 साल की उम्र में ही सबसे तेज अर्धशतक जड़कर अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ने वाली शेफाली उम्दा प्रदर्शन कर रही है। शेफाली अब टी-20 महिला विश्व कप टीम में जगह बनाने में भी कामयाब हो गई है। उनकी एक के बाद एक उपलब्धि से रोहतक सहित प्रदेश के तमाम क्रिकेट प्रेमियों में खुशी की लहर है। घनीपुरा निवासी शेफाली के पिता संजीव वर्मा ने बताया कि बेटी की इस उपलब्धि पर उनको नाज है।
पेशे से ज्वेलर संजीव ने बताया कि एक समय था जब बेटी के फटे ग्लव्स और कई जगह से चटक चुके बैट की जगह नए ग्लव्स और बैट खरीदने तक के पैसे उनके पास नहीं थे। लेकिन बेटी ने कभी इसकी शिकायत नहीं थी। और शेफाली ने बैट पर तार चढ़वाकर और ग्लव्स को छिपाकर खेलना जारी रखा। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते संजीव ने उधार पैसा लेकर बेटी को नए ग्लव्स और बैट दिलाया।
संभालकर रखे हैं पुराने ग्लव्स
संजीव का कहना है कि शेफाली के वही फटे ग्लव्स आज भी उन्होंने संभालकर रखे हुए हैं। संजीव बताते हैं कि वे खुद भी क्रिकेटर थे लेकिन ऊंचे स्तर पर नहीं खेल पाए। वे अब भी खुद शेफाली को सुबह प्रैक्टिस कराते हैं। उसके बाद वे पूर्व क्रिकेटर अश्वनी कुमार की अकादमी में जाती है। संजीव खुद तो क्रिकेटर नहीं बन पाए लेकिन बेटी ने उनका यह सपना पूरा कर दिया।
सचिन को देख शुरू की क्रिकेट
संजीव का कहना है कि 2013 में सचिन तेंदुलकर को रोहतक में रणजी मैच खेलते देख शेफाली ने भी क्रिकेटर बनने की ठान ली थी। लाहली स्थित चौधरी बंसी लाल क्रिकेट स्टेडियम में हुआ सचिन का यह अंतिम रणजी ट्रॉफी मैच था। शेफाली तभी से सचिन को अपना आदर्श मानती हैं। वे उन्हें की तरह ही देश का नाम दुनिया में रोशन करना चाहती है। लेकिन उनकी अब तक भी क्रिकेट के भगवान सचिन से मुलाकात नहीं हुई है।