Move to Jagran APP

28 जनवरी को षटतिला एकादशी का व्रत, पानी में तिल मिलाकर स्नान करना लाभकारी, जानें और क्‍या

षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तिल और तिलों से बनी चीजें अर्पित करने का विधान है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु जी को समर्पित है। इस दिन जगत के पालनहार विष्णु जी का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत का पालन किया जाता है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 03:03 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 03:03 PM (IST)
28 जनवरी को षटतिला एकादशी का व्रत, पानी में तिल मिलाकर स्नान करना लाभकारी, जानें और क्‍या
एकादशी पर करें तिल का प्रयोग, षटतिला एकादशी का व्रत करने से आयु में होती है वृद्धि

जागरण संवाददाता, झज्जर : माघ कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु को तिल और तिलों से बनी चीजें अर्पित करने का विधान है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु जी को समर्पित है। इस दिन जगत के पालनहार विष्णु जी का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत का पालन किया जाता है। जोड़े से व्रत करने से दाम्पत्य जीवन सुखी होता है। एकादशी का उपवास शुक्रवार 28 जनवरी को रखा जाएगा। मंदिर सिद्ध श्री 108 बाबा कांशीगिरि जी महाराज के पं. पवन कौशिक ने बताया कि षटतिला

loksabha election banner

एकादशी को तिल बहुत ही महत्व है। इस दिन पानी में तिल मिलाकर स्नान करना लाभदायी माना गया है। इस दिन व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में तिल का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए। भगवान विष्णु के मंत्र ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें । जो लोग व्रत नहीं कर सकते हैं उनके लिए जितना संभव हो तिल का उपयोग करें। तिल खाएं, तिल मिला हुआ पानी पिएं। तिल का उबटन लगाकर स्नान करें और तिल का दान भी करें। इस एकादशी के व्रत में तिल का दान करना उत्तम बताया गया है। जल पीने की इच्छा हो तो जल में तिल मिलाकर पिएं।

::: षटतिला एकादशी का व्रत करने से आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। तिल का छह प्रकार से प्रयोग करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है। आयु में वृद्धि होती है। एकादशी का व्रत करने से नेत्र के रोग दूर होते हैं। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है। धन-संपदा में वृद्धि होती है। व्रत के प्रभाव से समस्त पापों का नाश होता है ।अविवाहित युवक-युवतियों को इस एकादशी व्रत करने से विवाह मार्ग प्रशस्त होता है।

- सिद्ध बाबा कांशीगिरि मन्दिर के पंडित पवनकौशिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.