हरियाणा में हाड़ कंपाने वाली ठंड, जम गया हिसार, तापमान 0.3 डिग्री पर पहुंचा
हरियाणा मेें हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। हिसार में तो जमा देने वाली सर्दी है और यहां तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा में हाड़ कंपाने वाली सर्दी पड़ रही है। राज्य में सर्द हवाओं ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है। हिसार तो जैसे जम गया है और यहां तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। राज्य में अभी तापमान में और गिरावट की संभावना है। मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि 30 दिसंबर को हालत कुछ बदल सकती है। कड़ाके की ठंड के साथ घना कोहरा छाने से परेशानी और बढ़ गई है। दिन काफी चढ़ने के बाद भी घना कोहरा छाया रहता है। इस कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
हिसार में बीती रात तापमान जमाव बिंदु पर पहुंच गया। शहर और आसपास के क्षेत्र में रात में तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। हिसार में इस सीजन में यह सबसे कम तापमान है। शुक्रवार दिन में हालात कुछ सुधरे और तापमान 12 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी जमा देने वाली ठंड है। दिन में भी सद्र हवाएं चलने से लोगों का बुरा हाल हो रहा है। नारनौल में नयूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।
हिसार शहर में सुबह कोहरे का नजारा।
हिसार में बुधवार को तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। इससे पहले हिसार में न्यूनतम तापमान 4.4 डग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था। इसके साथ ही लोगों को आने वाले दिनों में कोहरे व पाले का भी सामना करना पड़ेगा। एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया राज्य में मौसम आमतौर पर 30 दिसंबर तक परिवर्तनशील परन्तु खुश्क रहने की संभावना है। इसके साथ ही 31 दिसंबर को कुछ स्थानों पर बारिश मौसम में ठंड बढ़ाएगी। इस दौरान हल्की से मध्यम गति से उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में गिरावट आने व दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा अल सुबह व देर रात्रि के समय धुंध छाए रहने की संभावना बनी हुई है।
कोहरा बनने की यह होती है प्रक्रिया
सर्द ऋतु में पृथ्वी की ऊपरी सतह के तापमान कम होने पर हवा में उपस्थित जलवाष्प संतृप्त होने पर संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं। यह सूक्ष्म बूंदे वायुमंडल में उपस्थित धूल मिट्टी व प्रदूषक तत्व, जो न्यूक्लिआइ के रूप में संघनन करने में सहायक होते हैं, से मिलकर दृश्यता को कम कर देते हैं और आसपास की ठंडी हवा के संपर्क में आने पर इनका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन जाता है। वायुमंडल में अधिक नमी होने पर यह घने कोहरे का रूप ले लेता है। इस स्थिति में ²श्यता एक किलोमीटर से भी काफी कम हो जाती है।
पाला बनने की यह है प्रक्रिया
सर्द मौसम में जब तापमान हिमांक पर या इससे नीचे चला जाता है तब वायु में उपस्तिथ जलवाष्प बिना द्रव रूप में परिवर्तित न होकर सीधे ही सूक्ष्म हिमकणों में परिवर्तित हो जाते हैं। इसे ही पाला पडऩा या बर्फ जमना कहा जाता है। दोपहर बाद हवा के न चलने तथा रात में आसमान साफ रहने पर पाला पडऩे की संभावना ज्यादा रहती है। हरियाणा में पाला आमतौर पर दिसम्बर से फरवरी के महीने में ही पडऩे की संभावना बनी रहती है।
पाले का फसल पर प्रभाव
पाले के कारण फसलो, सब्जियों व छोटे फलदार पौधों व नर्सरी पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है। फसलों व सब्जियों व छोटे फलदार तनों, फूलों, फलों में उपस्थित द्रव बर्फ के रूप में जम जाता है। ये पौधों की कोशिकाओं को नष्ट कर देते है तथा पतियों को झुलसा देता है।
पाले से फसलों का ऐसे करें बचाव
पाले का हानिकारक प्रभाव अगेती सरसों, आलू, फलों व सब्जियों की नर्सरी तथा छोटे फलदार पौधों पर पड़ सकता है। इससे बचाव के लिए किसानों को ङ्क्षसचाई करनी चाहिए। किसान खेत के किनारे पर तथा 15 से 20 $फीट की दूरी के अंतराल पर जिस और से हवा आ रही है रात्रि के समय कूड़ा कचरा सूखी घास आदि एकत्रित कर धुआं करना चाहिए ताकि वातावरण का तापमान बढ़ सके जिससे पाले का हानिकारक प्रभाव न पड़े। सीमित क्षेत्र में लगी हुई फल व सब्जियों की नर्सरी को टाट, पॉलीथिन व भूसे से ढके।
इस प्रकार रही तापमान की स्थिति
अधिकतम न्यूनतम
हिसार 12 डिग्री सेल्सियस 3.3 डिग्री सेल्सियस
चंडीगढ़ 8.8 डिग्री सेल्सियस 6.5 डिग्री सेल्सियस
कुरुक्षेत्र 09 डिग्री सेल्सियस 5.8 डिग्री सेल्सियस
अंबाला 9.1 डिग्री सेल्सियस 5.3 डिग्री सेल्सियस
करनाल 9.2 डिग्री सेल्सियस 06 डिग्री सेल्सियस
गुरुग्राम 11.7 डिग्री सेल्सियस 5.8 डिग्री सेल्सियस
कैथल 12 डिग्री सेल्सियस 3.5 डिग्री सेल्सियस
सिरसा 12.3 डिग्री सेल्सियस 4.3 डिग्री सेल्सियस
फरीदाबाद 12.4 डिग्री सेल्सियस 5.8 डिग्री सेल्सियस
सोनीपत 13 डिग्री सेल्सियस 04 डिग्री सेल्सियस
पानीपत 13 डिग्री सेल्सियस 04 डिग्री सेल्सियस
यमुनानगर 13 डिग्री सेल्सियस 04 डिग्री सेल्सियस
जींद 13 डिग्री सेल्सियस 05 डिग्री सेल्सियस
झज्जर 14 डिग्री सेल्सियस 04 डिग्री सेल्सियस
भिवानी 14.3 डिग्री सेल्सियस 4.8 डिग्री सेल्सियस
नारनौल 16.2 डिग्री सेल्सियस 2.5 डिग्री सेल्सियस