लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे भगाना के राजबीर की बीमारी से मौत
जागरण संवाददाता हिसार गांव भगाना छोड़कर सात साल पहले लघु सचिवालय के बाहर शेड के न
जागरण संवाददाता, हिसार : गांव भगाना छोड़कर सात साल पहले लघु सचिवालय के बाहर शेड के नीचे रहने के लिए आए भगाना निवासी 60 वर्षीय राजबीर की बीमारी के कारण मौत हो गई। सूचना मिलने पर सिविल लाइन पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया। मृत के बेटे अमरजीत के अनुसार मृतक राजबीर डेढ़ साल से लकवे से जूझ रहा था। अमरजीत ने प्रशासन ने आर्थिक मदद की मांग की। वहीं पुलिस ने अमरजीत के बयानों के आधार पर 174 कार्रवाई की है।
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मृतक के बेटे अमरजीत ने बताया कि 21 मई 2012 को गांव भगाना के कई परिवारों ने गांव छोड़ दिया था। उन्होंने लघु सचिवालय के बाहर डेरा डाल लिया। सात साल के करीब वक्त गुजर गया है। कुछ परिवार आज भी लघु सचिवालय के बाहर शेड के नीचे बैठे है। आर्थिक हालत ठीक नहीं होने कारण हम भी शेड के नीचे रहते हैं। मेरे पिता राजबीर को डेढ़ साल पहले लकवे की शिकायत हो गई थी। तभी से उनका उपचार चल रहा था। 28 मार्च को तबियत बिगड़ने पर उन्हें नागरिक अस्पताल लाया गया। जहां से चिकित्सकों ने उन्हें अग्रोहा मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। 8 अप्रैल को अग्रोहा मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने भी हमें जवाब दे दिया। चिकित्सकों ने कहा कि अपने पिता जी को घर ले जाओ और उनकी देखभाल करो। हम उन्हें घर ले आए। आज सुबह उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई। उन्हें नागरिक अस्पताल लेकर आए, जहां पर उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
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बीमारी में खर्च के कारण छूट गया किराये का मकान
अमरजीत ने बताया कि वे दो भाई है। पिता के साथ गांव छोड़कर दोनों लघु सचिवालय आ गए थे। पिता के बीमार होने उनकी सेवा करने के लिए एक किराये पर मकान लिया था। मगर, पिता की दवा का खर्च पूरा करना भी हमारे लिए मुश्किल हो गया। ऐसे में किराये का घर छोड़कर शेड में ही वापस आ गए। दोनों भाई मजदूरी करते है, मगर किराये का मकान लेने तक के पैसे नहीं है। इसलिए शेड के नीचे ही बैठे है। हमारी प्रशासन से मांग है कि हमारी आर्थिक मदद की जाए और हमें रोजगार दिया जाएगा। जिससे हम अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।