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पार्क में पत्ते जलने से प्रदूषण होते देखा तो हुआ दुख, महिलाओं ने लिया फिर ये संकल्‍प

हरी भरी वसुंधरा संस्था को मिली मशीन बनाएगी खाद। घरों में खाद बनाने वाली संस्था गीले कूड़े से रोज 50 किलो बनेगी खाद। राज्यसभा सदस्य डा. सुभाष चंद्रा ने सांसद निधि से दिलाई मशीन

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 05:29 PM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 05:29 PM (IST)
पार्क में पत्ते जलने से प्रदूषण होते देखा तो हुआ दुख, महिलाओं ने लिया फिर ये संकल्‍प
पार्क में पत्ते जलने से प्रदूषण होते देखा तो हुआ दुख, महिलाओं ने लिया फिर ये संकल्‍प

हिसार, जेएनएन। पार्कों में पत्ते जलने से प्रदूषण होता देखा तो महिला सुनीता को इतना दुख हुआ कि उन्‍होंने पत्‍तों से खाद बनाने का प्रण लिया। उन्‍होंने कहा पत्‍ते जलते देख मन में विचार आया कि सुबह जिस पार्क में शुद्ध हवा लेते है। बाद में सफाई कर्मचारी उसी पार्क के पेड़ों से गिरे पत्तों को जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित करते है। हमारी संस्था की महिलाओं से विचार किया और पर्यावरण के प्रति मुहिम शुरू की। पैसा अपने पास से खर्च किया और सेक्टर के लोगों को पौधरोपण के लिए प्रेरित किया।

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निगम अधिकारियों ने गीले कूड़े से खाद बनाना सिखाया तो खाद बनाने का संकल्प लिया। घरों में गीले कूड़े से खाद बनाई। परंतु मन को शांति नहीं मिली। फिर इंदौर सिटी के बारे में जाना तो छोटी खाद मशीन मंगवाने की योजना बनाई। पैसा नहीं था राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा से बात की तो उन्होंने मशीन देने के लिए ग्रांट दी। तब जाकर आज हमारा सपना पूरा हुआ है। अनुभूति संस्था और हरी भरी वसुंधरा की सदस्या सुनीता रहेजा ने कहा वो लंबे समय से पर्यावरण से जुड़ी हुई है।

सुनीता रहेजा ने बताया कि हमारी संस्था रजिस्टर्ड नहीं थी। तो सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन की मदद ली। वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान अजय मित्तल व अन्य सदस्यों के सहयोग से मशीन का पैसा नगर निगम को सौंपा। जिसके बाद नगर निगम अधिकारियों की मदद से मशीन इंदौर से मंगवाई है। शहर में यह पहली मशीन होगी। जो सूखे पत्तों, घर से निकलने वाले गीले कूड़े से खाद बनाएगी।

फर्टीलाइजर बनाने की मशीन

कम्युनिटी सेंटर में लगाई जाएगी मशीन

सुनीता रहेजा ने बताया कि मशीन कम्युनिटी सेंटर में लगाई जाएगी। एसोसिएशन की ओर से एक लेबर की व्यवस्था की गई है। जो इस मशीन पर काम करेगा। इसी मशीन से बनने वाली खाद को सेक्टरवासियों को कम पैसे में बेचा जाएगा। ताकि वह अपने घरों में लगे पौधों को हरा भरा रख सके। इसी पैसे से रखे गए लेबर की सैलरी निकाली जाएगी।उन्होंने कहा कि नगर निगम के गाडिय़ां गीले और सूखे कूड़ा एकत्रित करने के लिए आती है। इन्हीं गाडिय़ों के माध्यम से गीला कूड़ा कम्युनिटी सेंटर में एकत्रित किया जाएगा और खाद बनाई जाएगी।

यह है मशीन की खासियत

. मशीन की कीमत - दो लाख 30 हजार रुपये

. मशीन की क्षमता - एक दिन में 50 किलो खाद बनाना।

. मशीन की ऊंचाई - तीन फुट

. मशीन की लंबाई - तीन से सवा तीन फुट

. जरूरत - एक व्यक्ति बना सकता है खाद

...मशीन मंगवाई गई थी। जो हिसार पहुंच चुकी है। वीरवार को एसोसिएशन को सौंप दी जाएगी।

अमित कौशिक, एमई, नगर निगम

राज्यसभा सदस्य से खाद बनाने की मशीन को लेकर पैसा मिला है। उसी पैसे से मशीन मंगवाई गई है ताकि लोग पत्ते जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित न करें।

अजय मित्तल, प्रधान , वेलफेयर एसोसिएशन


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