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दोषी करार जेई को पदोन्नति देकर बनाया एसडीओ, शिकायतकर्ता बोला- अभी न दिया जाए स्टेशन

सिरसा जिले में पंचायती राज विभाग के जेई कालू राम सहारण को एसडीइ प्रमोट करने पर विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। गांव रामगढ़ निवासी राकेश कुलरिया ने उपायुक्त समेत आला अधिकारियों को शिकायत भेजकर आपत्ति जाहिर की है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 04:53 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 04:53 PM (IST)
दोषी करार जेई को पदोन्नति देकर बनाया एसडीओ, शिकायतकर्ता बोला- अभी न दिया जाए स्टेशन
एक मामले में दोषी हुए जेई को एसडीओ बनाने का मामला सामने आया है

डबवाली, जेएनएन। जांच में दोषी ठहराए गए पंचायती राज विभाग के जेई कालू राम सहारण को एसडीइ प्रमोट करने पर विवाद गहरा गया है। गांव रामगढ़ निवासी राकेश कुलरिया ने उपायुक्त समेत आला अधिकारियों को शिकायत भेजकर आपत्ति जाहिर की है। रामगढ़ गांव में एक गली निर्माण मामले में कुलरिया की शिकायत पर उपायुक्त ने जांच रिपोर्ट के आधार पर जेई को दोषी ठहराया गया था। शिकायतकर्ता का कहना है कि लापरवाही व भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त तकनीकी अधिकारी को कैसे पदोन्नति किया गया है, इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

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कुलरिया ने मनरेगा तथा विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा है कि शिकायत को वापिस लेने के लिए उस पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। ग्रामीण का कहना है कि गांव रामगढ़ में बनाई गई प्रत्येक गली में नाली का प्रावधान किया गया था। लेकिन कहीं गली नहीं बनाई गई। संदेह है कि सरकारी पैसे को पंचायती राज विभाग तथा पंचायत मिलकर डकार गए। मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए। तब तक संबंधित तकनीकी अधिकारी को स्टेशन अलॉट न किया जाए।

यह है मामला

गांव रामगढ़ की एक गली में विशेष परिवार को लाभ देने के लिए पंचायत ने कुछ हिस्से में नाली का निर्माण करवाया है। ग्रामीण राकेश कुलरिया ने इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। 9 जुलाई 2020 को एक्सइन भरत सिंह जांच करने के लिए बीडीपीओ ओमप्रकाश, एसडीइ मुंशी राम जाखड़, जेई कालू राम मौका पर पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान जांच अधिकारी ने पाया गया था कि ग्राम पंचायत 9.35 लाख रुपए का कार्य एफएफसी स्कीम के तहत करवा रही है। प्राकलन को तकनीकी स्वीकृति एसडीइ ने प्रदान की है। विवादित गली में 326 फुट लंबाई में दोनों तरफ तथा 243.5 फुट लंबाई में एक तरफ नाली का प्रावधान किया हुआ है। जबकि पूरी गली में पंचायत ने नाली नहीं बनाई। आरोप है कि गली में 5 ईंच पत्थर बिछाया जाना था। जबकि बिछाया 2 ईंच पत्थर ही गया।

----मेरा कोई कसूर नहीं है। पंचायत एग्जीक्यूटिव एजेंसी थी।

-जेई कालू राम सहारण, पंचायती राज विभाग, डबवाली


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