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एसडीएम बोले- अगर स्कूल मुखिया अपने काम से संतुष्ट हैं तो इस बात का लूंगा प्रमाण पत्र

एसडीएम परमजीत सिंह चहल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कमजोर बच्चे अपनी कक्षा के मुताबिक निर्धारित मानकों के अनुरूप क्यों नहीं सीख पा रहे हैं

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Aug 2018 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 06 Aug 2018 04:31 PM (IST)
एसडीएम बोले- अगर स्कूल मुखिया अपने काम से संतुष्ट हैं तो इस बात का लूंगा प्रमाण पत्र
एसडीएम बोले- अगर स्कूल मुखिया अपने काम से संतुष्ट हैं तो इस बात का लूंगा प्रमाण पत्र

जेएनएन, हिसार : एसडीएम परमजीत सिंह चहल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कमजोर बच्चे अपनी कक्षा के मुताबिक निर्धारित मानकों के अनुरूप क्यों नहीं सीख पा रहे हैं, इसका विश्लेषण करके शिक्षक इन कमजोर बच्चों को सक्षम बनाने के कार्य को चुनौती के रूप में स्वीकार करें। जब वे इन बच्चों को अपने बच्चे समझकर इनकी स्थिति में सुधार का जिम्मा लेंगे तो निश्चय ही उनके स्कूल के सभी बच्चों की सीखने की क्षमता में वृद्घि होगी। एसडीएम चहल आज सक्षम हरियाणा (शिक्षा) योजना के तहत रामपुरा मोहल्ला स्थित बीईओ कार्यालय में हिसार-द्वितीय खंड के सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यो, मुख्याध्यापकों, बीआरपी व एबीआरसी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीसरी, पाचवीं और सातवीं कक्षा के बच्चों के सीखने की क्षमता में वृद्घि करने तथा उनका बौद्घिक स्तर उनकी कक्षा के अनुरूप करने के लिए सक्षम हरियाणा योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही इस अभियान की सफलता के सूत्रधार हैं। हर शिक्षक यह देखे कि उनकी कक्षा के कमजोर बच्चे आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहे हैं। यदि शिक्षक कमजोर बच्चों को कुछ अतिरिक्त समय दें और उनसे उनकी परेशानियों के बारे में बात करें तो बच्चों की उनसे आत्मीयता बनेगी और वे शिक्षक से दोस्त की भाति अपनी परेशानिया साझा करेंगे। इससे निश्चित ही स्थिति में बदलाव आएगा। शिक्षक अपनी कक्षा की जिम्मेदारी लें

उन्होंने कहा कि कक्षा में केवल उपदेश देने से काम नहीं चलेगा बल्कि सभी शिक्षक अपनी कक्षा के बच्चों से अपने बच्चों की भाति व्यवहार करें और उनके मन से डर निकालें। हर शिक्षक कक्षा की जिम्मेदारी ले और बच्चों के लर्निंग लेवल में बढ़ोतरी के लक्ष्य में सफलता प्राप्त करे। यदि जरूरत पड़े तो शिक्षक बच्चों के घर भी जाएं और बच्चे की परेशानियों के संबंध में उनके अभिभावकों से चर्चा करें। इससे भी बच्चे और उसके अभिभावकों में जिम्मेदारी का भाव पैदा होगा।

खुद की संतुष्टिं के लिए काम करें

एसडीएम ने कहा कि शिक्षक अपने मन की संतुष्टिं तक सुधार के प्रयास लगातार जारी रखें, इससे निश्चित ही सुधार होगा। उन्होंने कहा कि मैं सभी स्कूल मुखियाओं से संतुष्टिं प्रमाण पत्र लूंगा जिसमें वे यह लिखकर देंगे कि हम पूरे स्टाफ सहित अपने कार्य से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक पर दबाव डालकर कभी भी अच्छे परिणाम नहीं लाए जा सकते हैं। आप सभी भाग्यशाली हैं कि आपको गुरु का दायित्व मिला है। वास्तव में शिक्षक का कार्य पूजा के समान है जिसमें वे पवित्र भाव से मानव निर्माण करते हैं। टीम भावना से काम करें

उन्होंने कहा कि मैं एक माह के भीतर सभी स्कूलों में बदलाव देखना चाहता हूं। सभी स्कूल मुखिया अपने साथी शिक्षकों के साथ कमजोर बच्चों को पढ़ाई में प्रवीण बनाने की दिशा में टीम भावना के साथ कार्य करें। यदि किसी स्कूल में किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तो स्कूल मुखिया व शिक्षक नि:संकोच भाव से बताएं ताकि समस्या का समाधान किया जा सके। शिक्षक इस बात का भी अध्ययन करें कि स्कूल के अलावा बच्चों पर और क्या साकारात्मक प्रयोग किए जा सकते हैं। सितंबर में होगा बच्चों का टेस्ट

उन्होंने बताया कि सक्षम हरियाणा योजना के तहत कक्षा के 80 प्रतिशत बच्चों को 55 प्रतिशत से अधिक अंक लाने के लिए तैयार किया जाता है। इसके लिए उनका निरंतर मूल्याकन और टेस्ट लिए जाते हैं। स्कूल मुखियाओं को प्रतिदिन स्कूल निरीक्षण करते हुए सप्ताह में दो बार टेस्ट लेकर इसकी रिपोर्ट बीईओ को देनी होती है। सभी स्कूल मुखियाओं को सक्षम रजिस्टर तैयार करना होता है। उन्होंने बताया कि सितंबर में सभी बच्चों का खंड स्तरीय टेस्ट लिया जाएगा जिसमें बाहर से आने वाली टीम बच्चों की बौद्घिक क्षमता का मूल्याकन करेगी।

इस अवसर पर बीईओ नरेंद्र यादव, एबीआरसी रोशनी, मानसी, आरती, च्योति, अनिता व जवाहर सहित खंड के सभी स्कूलों के मुखिया मौजूद थे।


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