विज्ञानी बोले- धान की सीधी बिजाई करें किसान
वेबिनार में सस्य विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. एसएस पूनिया ने बताया कि यह विधि बहुत ही कारगर साबित हो रही है और प्रदेश सरकार की योजना मेरा पानी मेरी विरासत को भी सार्थक सिद्ध कर रही है। इससे न केवल पानी की बचत होती है बल्कि खर्च भी कद्दू करके की जाने वाली बिजाई से कम होता है। इससे फसल के उत्पादन या तो परंपरागत विधि के बराबर है या फिर अधिक होता है।
जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वर्चुअल कृषि मेले में विभिन्न वेबिनार आयोजित किए गए। इस दौरान पहला वेबिनार धान की सीधी बिजाई विषय को लेकर किया गया। इस वेबिनार में सस्य विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. एसएस पूनिया ने बताया कि यह विधि बहुत ही कारगर साबित हो रही है और प्रदेश सरकार की योजना मेरा पानी मेरी विरासत को भी सार्थक सिद्ध कर रही है। इससे न केवल पानी की बचत होती है बल्कि खर्च भी कद्दू करके की जाने वाली बिजाई से कम होता है। इससे फसल के उत्पादन या तो परंपरागत विधि के बराबर है या फिर अधिक होता है।
वेबिनार के दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी के निदेशक डा. राजवीर सिंह, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के सस्य विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. एम.एस. भुल्लर, सहायक विज्ञानी डा. जसवीर गिल, एचएयू से इंजीनियर अनिल सरोहा, डॉ. नवीश, डॉ. संदीप रावल के अलावा बठिंडा से किसान गुरप्रीत सिंह, लुधियाना से अमृत इंद्र सिंह, यमुनानगर से जसबीर सिंह और मंगत राम सहित अन्य किसानों ने जुड़कर विज्ञानियों से सवाल-जवाब किए।
बारानी क्षेत्रों में रबी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए बताई सस्य क्रियाएं
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सस्य विज्ञान विभाग के बारानी खेती अनुभाग के विज्ञानियों ने गांव बालावास के किसानों के साथ एक कृषि संबंधी गोष्ठी आयोजित की।
विभाग के सहायक विज्ञानी डा. सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय जलवायु समुत्थान कृषि में नवप्रवर्तन परियोजना के तहत किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान किसानों को राया व चने की पैदावार बढ़ाने के लिए उन्नत सस्य क्रियाएं, जैसे समय पर बिजाई, बीज उपचार, समुचित खाद प्रबंधन, खेत में उचित पौधों की संख्या, पहिए वाले कसोले से निराई-गुड़ाई, उचित पौध संरक्षण आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
साथ ही किसानों को बदलते मौसम के अनुरूप सभी सस्य क्रियाओं को अपनाने पर बल दिया ताकि किसान फसलों की पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ समुचित लाभ भी हासिल कर सकें। कार्यक्रम में इंजीनियर कुमार व डा. ममता फौगाट ने भी किसानों को जानकारी दी। इस दौरान लगभग 35 किसान शामिल हुए।