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विकसित होंगे इम्युनिटी बूस्टर खाद्यान्न, खास Online meet में हरियाणा के विज्ञानी भी शामिल

Immunity booster Food grains देश के कृषि विज्ञानी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए खास अनुसंधान कर रहे हैं। देश के कृषि विज्ञानी इम्‍युनिटी बुस्‍टर खाद्यान्‍न विकसित करने में जुटे हैं। इस संबंध में हुए ऑनलाइन मीट में हरियाणा के विज्ञानी भी शामिल हुए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 10:09 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 08:19 AM (IST)
विकसित होंगे इम्युनिटी बूस्टर खाद्यान्न, खास Online meet में हरियाणा के विज्ञानी भी शामिल
कृषि विज्ञानी इम्‍युनिटी बुस्‍टर खाद्यान्‍न विकसित करेंगे। (फाइल फोटो)

हिसार, [वैभव शर्मा]। कोरोना वायरस (CoronaVirus) के संक्रमण के बीच इससे निपटने के लिए खास तैयारियों में जुटे हैं। लोग कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए इम्युनिटी बूस्ट (रोग प्रतिरोधक शक्ति) करने वाले खाद्यान्नों को सर्वोच्च प्राथिकता दे रहे हैं। इसे देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के विज्ञानी अब ऐसे खाद्यान्नों को विकसित करने की दिशा में काम करेंगे, जो लोगों को पौष्टिकता के साथ रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने का भी काम करें। इस संबंध में विज्ञानियों ने खास ऑनलाइन मीट में चर्चा की।

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के विज्ञानियों ने शुरू किया शोध

नई दिल्ली में आईसीएआर ने छठवीं इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल -2020 के तहत इस ऑनलाइन एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट मीट में हरियाणा के विज्ञानी शामिल हुए। इसमें आइसीएआर के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्र सहित देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी जुड़े। इसी में दैनिक जागरण के प्रश्नों पर आइसीएआर ने अपनी रणनीति साझा करते हुए इम्‍युनिटी बूस्‍टर खाद्यान्न को लेकर कई प्रमुख बातों साझा की हैं।

डाक्टर महापात्र ने बताया कि देश कि विज्ञानी लंबे समय से ऐसी फसलों पर शोध करते रहे हैं जिनमें पौष्टिकता बढ़े। कोरोना काल ने हमें एक नई दिशा दी है कि हम हम ऐसे खाद्यान्न विकसित करें, जो पौष्टिक तो हो हीं, रोगप्रतिरोध रोधक क्षमता बढ़ाने वाले हों। गेहूं और चावल में माइक्रोन्यूट्रिएंट बढ़ाने वाली कुछ किस्में सामने लाई गई हैं।

आइसीएआर के महानिदेशक ने कहा-मसालों ने लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई

इम्युनिटी बूस्ट करने वाले खाद्यान्न को लेकर आइसीएआर के संस्थानों ने अपने शोध प्रारंभ भी कर दिए हैं। इसके साथ ही कोरोना काल के दौरान भारतीय मसालों ने काफी अच्छा परिणाम दिया है। आयुष मंत्रालय तो इस पर काम कर रहा है साथ ही हम भी इन पर शोध कर इनकी गुणवत्ता को जांचने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

डा. महापात्र ने विज्ञानियों से आग्रह भी किया कि वे खाद्य तेलों के उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करें। देश को आयातक के स्थान पर निर्यातक बनाएं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए कई उपायों को अपनाने का भी विरोध किया। उन्‍होंने कहा कि किसानों-विज्ञानियों-सहभागिता को महत्वपूर्ण और प्रभावी रूप से कृषि और खेती के क्षेत्र में आने वाली विभिन्न चुनौतियों को प्रभावी ढंग से हल करने वाले तत्वों में से माना है। उन्‍होने कृषि विज्ञानियों व कृषि शोध में लगे लोगों से आग्रह किया कि वे देश को पौष्टिक भोजन के साथ वैश्विक आबादी को खिलाने में सक्षम बनाने के लिए अपने शोध को आगे बढ़ाएं।

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