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स्कूल खुले लेकिन स्वास्थ्य रिपोर्ट पर बना असमंजस

शिक्षा विभाग ने कक्षाएं शुरू करने के लिए एक शर्त लगाई थी जिसमें विद्यार्थियों को स्वास्थ्य प्रमाणपत्र लेकर स्कूल आना अनिवार्य था लेकिन शहर के कई स्कूलों में सैकड़ों विद्यार्थी प्रमाणपत्र लेकर ही नहीं आए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 05:51 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 05:51 AM (IST)
स्कूल खुले लेकिन स्वास्थ्य रिपोर्ट पर बना असमंजस
स्कूल खुले लेकिन स्वास्थ्य रिपोर्ट पर बना असमंजस

जागरण संवाददाता, हिसार : कोरोना प्रकोप से बंद हुए सरकारी व प्राइवेट स्कूल 23 दिन बाद एक बार खुल गए। पूरी सुरक्षा के साथ 10वीं व 12वीं कक्षाओं में विद्यार्थियों को बैठाने की व्यवस्था की गई थी, मगर यह तैयारियां धरी की धरी रह गई।

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इस बार शिक्षा विभाग ने कक्षाएं शुरू करने के लिए एक शर्त लगाई थी, जिसमें विद्यार्थियों को स्वास्थ्य प्रमाणपत्र लेकर स्कूल आना अनिवार्य था, लेकिन शहर के कई स्कूलों में सैकड़ों विद्यार्थी प्रमाणपत्र लेकर ही नहीं आए। लिहाजा स्कूल प्रशासन ने उन्हें गेट से ही वापस कर दिया। जो विद्यार्थी वापस किए गए जब उनसे स्वास्थ्य रिपोर्ट न लाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमें लगा कि कोविड टेस्ट कराके उसकी रिपोर्ट लानी है। इस असमंजस के कारण पहले दिन तो विद्यार्थियों को लौटने को मजबूर होना पड़ा। स्कूल जाने के लिए आपको क्या करना होगा

स्कूल में जाने के लिए आप किसी भी चिकित्सक को दिखा सकते हैं कि आपमें कोविड के लक्षण तो नहीं हैं। अगर नहीं हैं तो वह चिकित्सक अपने पर्चे पर यह प्रमाण करके देंगे कि आप स्वस्थ हैं। कक्षा में आपको अन्य विद्यार्थियों से शारीरिक दूरी बनानी होगी, सैनिटाइजर और मास्क का निरंतर प्रयोग करें।

नहीं लाए स्वास्थ्य रिपोर्ट

अर्बन एस्टेट स्थित न्यू यशोदा पब्लिक स्कूल में पांच फीसद ही विद्यार्थियों के साथ ही कक्षा लग सकी। हालांकि स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक थी मगर स्वास्थ्य रिपोर्ट न होने के कारण उन्हें वापस भेजना पड़ा। स्कूल की प्रधानाचार्या डा. नीलिमा मैथ्यू ने बताया कि आगे प्री बोर्ड की परीक्षाएं कैसे ली जाएंगी यह शिक्षा विभाग और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निर्देश पर निर्भर करेगा।

20 फीसद बच्चे ही आए

आइडीडीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल में 20 फीसद ही विद्यार्थी पहले दिन आए, मगर किसी के पास भी स्वास्थ्य रिपोर्ट नहीं थी, इसलिए इन्हें वापस लौटना पड़ा। प्रधानाचार्या इंदु शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी धीमे-धीमे बढ़ेंगे। उन्हें चिकित्सक से साधारण रिपोर्ट लानी है, इसमें कोई असमंजस की बात नहीं है। हम प्री बोर्ड से पहले बच्चों को दोबारा से रिविजन का मौका देंगे।

प्री बोर्ड परीक्षाओं को लेकर स्कूलों की तैयारियां

प्रो बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कई स्कूलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ओपी जिदल मॉडर्न स्कूल के प्रधानाचार्य जगदीश सिंह धामी ने बताया कि अभी तक प्री बोर्ड की परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही थी। 16 दिसंबर से 10वीं व 12वीं के परीक्षार्थी परीक्षा देने स्कूल आएंगे। हालांकि कुछ अन्य प्राइवेट स्कूल अभी प्री बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर तैयारियां कर रहे हैं।


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