दस महीने बाद स्कूल खुले मगर हिसार में कम पहुंचे छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी, इंटरनेट अभी भी बंद
विद्यार्थियों की कम संख्या का बड़ा कारण इंटरनेट बंद होना और कोविड टेस्ट रिपोर्ट न होना भी रहा। दरअसल स्कूल आने के लिए काेरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी वह कई अभिभावकों ने नहीं कराई है। जिन बच्चों के टेस्ट कराए हैं इंटरनेट बंद होने से उनकी रिपोर्ट नहीं मिल सकी।
हिसार, जेएनएन। कोरोना के चलते दस महीने बाद कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए हरियाणा में सोमवार को आधिकारिक रूप से स्कूल खोल दिए गए हैं। मगर विद्यार्थी स्कूलों से नदारद दिखाई दिए। कई विद्यालयों में विद्यार्थियों की कम संख्या दिखाई दी। इसका सबसे बड़ा कारण यह इंटरनेट और कोविड टेस्ट रिपोर्ट रही। दरअसल स्कूल आने के लिए काेरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी, वह कई अभिभावकों ने नहीं कराई है। इसके साथ ही जिन अभिभावकों ने बच्चों के टेस्ट कराए हैं उसमें भी इंटरनेट बंद होने के कारण उनकी रिपोर्ट नहीं मिल सकी। इसके साथ ही इंटरनेट बंद होने से अभिभावकों तक स्कूल खुलने की जानकारी भी नहीं नहीं पहुंची, इसलिए स्कूलों ने तीन से चार दिन बाद अपने यहां कक्षाएं शुरू करने की बात कही है।
सरकारी स्कूलों में खाली रही कक्षाएं
एक तरफ तो निजी स्कूलों ने कक्षाएं शुरू ही नहीं की तो सरकारी स्कूलों ने कक्षाएं शुरू भी की मगर कम ही विद्यार्थी आए। शिक्षा विभाग ने सोमवार से कक्षा छह से आठ के बच्चे भी स्कूल में पढ़ाई के लिए पहुंचेंगे। इससे पहले कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थी तीन घंटे के लिए स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। कक्षा छह से आठ के विद्यार्थी कोरोना जैसी महामारी से संक्रमित न हों इसके लिए अभिभावकों से उनकी इच्छा भी फोन कर स्कूल प्रबंधन पूछ रहा है। वहीं स्कूलों में स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मुख्य गेट पर तापमान की जांच और हाथ सैनिटाइज के अलावा सिटिंग प्लान तैयार किया गया था। हलांकि यह प्रक्रिया पहले से ही अपनाई जा रही है।
इन नियमों का करना होगा पालन
शिक्षा विभाग ने स्कूल मुखियाओं को कोराना संक्रमण बचाव को लेकर पहले ही आदेश जारी किए हैं। स्कूलों से उनके यहां संक्रमण को रोकथाम के प्रबंधनों की जानकारी भी जुटाई गई है। स्कूलों को स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी का पालन जरूरी होगा। कक्षाओं में शारीरिक दूरी सुनिश्चित करनी होगी। स्कूल आने वाले सभी विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। कोरोना रहित लक्षण वालों को ही परिसर में प्रवेश मिलेगा।