तेजतर्रार महिला नेता थीं सरोज मोर
बादशाहपुर निवासी सरोज मोर ने सन 2005 में राजनीति में कदम रखा। उनके कार्य कौशल व महिलाओं में उनकी पकड़ को देखते हुए इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने 2005 के रण में उनको भाजपा के रामकुमार गौतम के खिलाफ चुनाव में उतार दिया था। जिसमें सरोज मोर को करीब 1399 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इस हार से वह कमजोर नहीं पड़ी और मजबूती के साथ मेहनत की।
सुनील मान, नारनौंद
हलके की पहली महिला विधायक सरोज मोर तेज तर्रार नेताओं में शामिल थीं। उनमें महिलाओं को साथ लेकर चलने का जो जज्बा था, वह अलग ही दिखाई देता था। इनेलो की रैलियों में सबसे ज्यादा महिलाओं की भीड़ जुटाती थीं। इन्हीं खूबियों की वजह से इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला भी उन्हें पसंद करते थे। वह जीवनभर महिलाओं के हकों के लिए लड़ाई लड़ती रही।
बादशाहपुर निवासी सरोज मोर ने सन 2005 में राजनीति में कदम रखा। उनके कार्य कौशल व महिलाओं में उनकी पकड़ को देखते हुए इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने 2005 के रण में उनको भाजपा के रामकुमार गौतम के खिलाफ चुनाव में उतार दिया था। जिसमें सरोज मोर को करीब 1399 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इस हार से वह कमजोर नहीं पड़ी और मजबूती के साथ मेहनत की। 2009 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर इनेलो सुप्रीमो ने उन पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के रामकुमार गौतम, भाजपा के कैप्टन अभिमन्यु से था।
अपनी मेहनत के बलबूते उन्होंने दोनों दिग्गजों को भारी अंतर से हराकर नारनौंद हलके में पहली महिला विधायक बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया था। वह इनेलो की जिला प्रधान भी रहीं। इनेलो की जितनी भी रैलियां होती थी, उनमें उनका जलवा अलग ही देखने को मिलता था।
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नेताओं ने जताया शोक
हलके के विधायक राम कुमार गौतम ने कहा कि उनकी मौत से गहरा दुख पहुंचा है। भगवान उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में मजबूती दे।
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पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने भी उनके निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि वह एक निडर महिला थीं। उन्होंने हलके के विकास के लिए काफी काम किए।
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सतरोल खाप की महिला प्रधान सुदेश चौधरी ने कहा कि उनके साथ काम किया है। वह काफी मेहनती थीं। उनके निधन से काफी दुख पहुंचा है।