पीएम से मिलकर संपत बोले- कृष्ण के दर पर सुदामा आया है, मोदी बोले- मैं भी सुदामा हूं
प्रधानमंत्री कार्यालय में 10 मिनट की मुलाकात में दोनों ने पुरानी बातें भी साझा की। संपत सिंह के अनुसार वह अपना बायोडाटा भी लेकर गए थे। मोदी बोले बायोडाटा छोड़ो मैं आपको जानता हूं
हिसार, जेएनएन। प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री व भाजपा नेता प्रो. संपत सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रो. संपत सिंह ने पीएम मोदी से कहा कि कृष्ण के दर पर सुदामा आया है। इतना कहते ही नरेंद्र मोदी ने कहा आप कैसी बातें कर रहे हैं, कृष्ण नहीं मैं भी सुदामा हूं। प्रधानमंत्री कार्यालय में करीब 10 मिनट की मुलाकात में दोनों दिग्गजों ने पुरानी बातें भी साझा की। संपत सिंह के अनुसार वह अपना बायोडाटा भी साथ लेकर गए थे। जैसे ही उन्होंने बायोडाटा सामने रखा तो प्रधानमंत्री ने टोकते हुए कहा कि आप यह क्या कर रहे हैं। आप किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आप मेरे मित्र हैं।
संपत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात के अनुभव दैनिक जागरण के साथ साझा किए। प्रोफेसर संपत सिंह ने बताया कि नरेंद्र मोदी से उनकी पहली मुलाकात हरियाणा के वर्ष 1996 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों के दौरान हुई थी। उस समय नरेंद्र मोदी हरियाणा के प्रभारी थे और मनोहर लाल संगठन सचिव थे। तब ताऊ देवीलाल के कहने पर वे नरेंद्र मोदी से मिले थे। 1996 के चुनाव में ताऊ देवीलाल भाजपा के साथ समझौता करना चाहते थे। ताऊ देवीलाल ने कहा था कि भाजपा का जिसके साथ भी समझौता होगा उसी पार्टी का सीएम बनेगा। इसके बाद दो बार नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई।
संपत सिंह ने बताया कि इसके बाद भी नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात होती रही। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में वह खुद हिसार से लड़ रहे थे। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। हरियाणा में भाजपा और इनेलो का गठबंधन था। इस नाते नरेंद्र मोदी हिसार में उनकी रैली में आए थे। मगर इस चुनाव में वह भजनलाल से महज छह हजार वोटों से हार गए थे। संपत सिंह ने बताया कि नरेंद्र मोदी और उनकी मित्रता 24 साल पुरानी है। शिष्टाचार के नाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात हुई।
मुलाकात के निकाले जा रहे हैं राजनीतिक मायने
प्रो. संपत सिंह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हैं। चर्चा यह भी है कि जाट नेता चौ. बीरेंद्र सिंह के राज्यसभा से इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर संपत सिंह जा सकते हैं। हालांकि प्रदेश भाजपा के कई कद्दावर नेता इस जुगत में हैं कि राज्यसभा की सीट उन्हें ही मिले। इसके लिए वे अपनी-अपनी लॉबिंग भी कर रहे हैं। दूसरी तरफ संपत सिंह ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल होकर चुनावी माहौल को रोचक बना दिया था। मगर संपत सिंह को अभी तक पार्टी में कोई भी पद नहीं मिला है।