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रूस के माेस्को से भिवानी में आए मेहमान, बोले- हिंदू धर्म सबसे अच्‍छा, हम कर रहे हैं प्रचार

इन विदेशी मेहमानों ने न केवल हिंदू रीति रिवाज पसंद हैं बल्कि वे हवन यज्ञ व गायों को चारा डालकर अपनी धार्मिक आस्था का परिचय भी दे रहे हैं। 13 यहूदियों ने 2019 में हिंदू धर्म अपनाया

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 03:24 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 03:24 PM (IST)
रूस के माेस्को से भिवानी में आए मेहमान, बोले- हिंदू धर्म सबसे अच्‍छा, हम कर रहे हैं प्रचार
रूस के माेस्को से भिवानी में आए मेहमान, बोले- हिंदू धर्म सबसे अच्‍छा, हम कर रहे हैं प्रचार

भिवानी, जेएनएन। भारत की संस्‍कृति विदेशियों को खूब भा रही हैं। कोई हिंदू धर्म अपना रहा है तो कोई यहां घूमने आता है तो यहीं का होकर रह जाता है। भिवानी जिले से यहूदियों का विशेष लगाव है। यहां रूस से विदेशी मेहमानों का एक प्रतिनिधिमंडल भिवानी स्थित जहरगिरी सिद्ध पीठ आश्रम में पहुंचा। इनमें से एक रसियन महिला ने पिछले साल ही हिंदू धर्म अपना लिया था और वह अब गुरु मां चेतन्या के नाम से पुकारी जा रही हैं।

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इन विदेशी मेहमानों ने न केवल हिंदू रीति रिवाज पसंद हैं, बल्कि वे हवन यज्ञ व गायों को चारा डालकर अपनी धार्मिक आस्था का परिचय भी दे रहे हैं। गुरु मां चेतन्या के साथ लयूदमीला, उकसाना व पावेल भी भिवानी आए हैं। रूस के माेस्को से आए इन मेहमानों ने विशेष बातचीत में कहा कि हिंदू धर्म बहुत ही अच्छा है। वे पिछले वर्ष भी इन दिनों में इसी आश्रम में आए थे। उन्होंने कहा कि यहां के लोग बहुत ही मिलनसार हैं।

आश्रम के महंत अशोक गिरी महाराज ने बताया कि श्रद्धा किसी को भी सात समंदर से भी अपनी तरफ खींच लाती है। श्रद्धा और भगवान के प्रेम में इंसान किसी भी कोने में पहुंंचने से संकोच नहीं करता है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में भिवानी का जहरगीरी ही एक ऐसा आश्रम है, जिसमें संपूर्ण प्रसाद गंगा जल से बनाया जाता है और यह परम्परा बरसों से ही चली आ रही है। 

पिछले साल जनवरी में 13 यहूदियों ने अपनाया था हिंदू धर्म

भिवानी के जहरगिरी मंदिर में रूस से आए 13 यहूदियों ने जनवरी 2019 में हिंदू धर्म अपनाया था। विदेशी मेहमानों ने बताया कि हिंदू संस्कारों से प्रभावित होकर धर्म को अपनाया है। वे अपने देश रशिया में जाकर भोलेनाथ का मंदिर बनाकर हिंदू धर्म व संस्कृति का प्रचार भी करेंगे। आधुनिक युग व चकाचौंध से प्रभावित होकर पाश्चात्य संस्कृति को पसंद करने वाली युवा पीढ़ी के लिए ये रशिया से आए विदेशी मेहमान अनोखा उदाहरण बने थे। इन विदेशियों में 7 महिलाएं और 6 पुरुष थे। जहरगिरी मंदिर के महंत अशोर गिरी ने बताया कि ये लोग काफी समय से भारत आ रहे थे। इन्होंने हमारे पूरे देश के हर धाम को दौरा किया, जिसके बाद हमारे धर्म, संस्कृति के वसुधैव कुटुंभकम व शांति के संदेश से प्रभावित होकर हिंदू धर्म अपनाया है। उन्होंने बताया कि अब कुछ दिनों बाद ये अपने देश जाकर मंदिर बनाएंगे और हमारे धर्म व संस्कृति का प्रचार करेंगें।


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