नियम 134ए के दाखिलों में गोलमाल, सौ फीसद अंकों वाले छात्र को भी स्कूल ने दाखिला देने से किया इन्कार
हांसी गरीबों के होनहार बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला देने के लिए शुरू
संवाद सहयोगी, हांसी : गरीबों के होनहार बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला देने के लिए शुरू की गई नियम 134-ए योजना अभिभावकों के लिए दुविधा बन गई है। नियम 134-ए की परीक्षा में पास होने वाले छात्रों को गुरुवार को स्कूल अलॉट किए गए। लेकिन जैसे ही अभिभावक स्कूलों में दाखिला लेने पहुंचे तो अधिकतर स्कूलों ने दाखिला देने से स्पष्ट इन्कार कर दिया। स्कूलों ने कहा कि उनके पास कोई सीट उपलब्ध नहीं हैं। अभिभावक शिकायतें लेकर शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंचे लेकिन उन्होंने भी कोई समाधान करने के बजाए हाथ खड़े कर दिए।
नियम 134-ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए उपमंडल में 1773 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था जिसमें से 1519 ने परीक्षा दी थी और 1200 पास हुए थे। इन छात्रों को गुरुवार को स्कूल अलॉट किए गए। इसके बाद अभिभावक स्कूलों में दाखिला लेने के लिए पहुंच गए।
अभिभावकों का आरोप है कि शहर के कई नामी-गिरामी स्कूलों ने बच्चों को दाखिला देने से स्पष्ट इन्कार कर दिया। स्कूल प्रशासन का कहना है कि उनकी सीटें भर चुकी है। ऐसे में अभिभावक सारा दिन तपती दोपहर में अपने मासूम बच्चों को लेकर स्कूलों व खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटते रहे। ऐसे में ये बड़ा सवाल खड़ा होता है कि शिक्षा विभाग को स्कूलों ने जो सीटों की लिस्ट दी थी उसमें अंतर कैसे आ गया।
अभिभावकों का आरोप है कि निजी स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए अपनी मनमर्जी चला रहा है। स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है जिससे अभिभावक परेशान हैं। नंबर सौ फीसद लेकिन स्कूल ने नहीं दिया दाखिला
नियम 134-ए के तहत चौथी कक्षा में दाखिला लेने के लिए अंकुश ने परीक्षा दी व सौ फीसद अंकों से पास हुआ। अंकुश ने पांच स्कूलों को अपनी पसंद के तौर पर चुना था। गुरुवार को लिस्ट जारी होने के बाद वह जैसे ही अपनी पसंद के स्कूल में दाखिला लेने पहुंचा तो स्कूल प्रशासन ने कहा कि स्कूल में सभी सीटें तो भर चुकी हैं। अंकुश अपने अभिभावकों के साथ सारा दिन शिक्षा कार्यालय व स्कूलों के चक्कर काटता रहा लेकिन दाखिला नहीं हुआ। स्कूलों ने गलत सीटें दिखाई या शिक्षा विभाग ने बनाई गलत लिस्ट
स्कूलों ने जितनी सीटें दिखाई थी उसके अनुसार स्कूलों ने पहले दिन दाखिले नहीं दिए। कई स्कूल संचालकों ने कहा कि शिक्षा विभाग ने जितनी सीटों पर लिस्ट बनाई हैं उतनी सीटें तो उनके स्कूल में खाली ही नहीं हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि स्कूलों ने गलत सीटें दिखाई हैं या फिर शिक्षा विभाग ने गलत लिस्ट जारी की है। गलती चाहे किसी की भी रही हो लेकिन इसका खामियाजा अभिभावकों को ही भुगतना पड़ रहा है। दाखिला प्रक्रिया की होगी जांच
नियम-134 ए की तहत स्कूल अलॉट कर दिए गए हैं। कुछ अभिभावकों की शिकायतें आई हैं कि स्कूल दाखिला नहीं दे रहे हैं। इस मामले में जांच की जाएगी व रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेजी जाएगी। स्कूलों को नियमानुसार दाखिले देने होंगे, मैं स्वयं दाखिला प्रक्रिया की निगरानी करूगा।
- सुभाष वर्मा, बीईओ।