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पूर्व में आरटीआई ने नगर निगम हिसार में उजागर किए कई भ्रष्टाचार, अब रिकार्ड साफ

हिसार नगर निगम में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं। भ्रष्टाचार के कारनामों से भी नगर निगम ने सबक नहीं लिया। बल्कि ऐसे कारनामों को सिरे चढ़ाने वालों पर कार्रवाई करने की बजाए नगर निगम प्रशासन ने अब 30 जून 2017 से पहले का रिकार्ड ही नष्ट कर दिया।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 05:18 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 05:18 PM (IST)
पूर्व में आरटीआई ने नगर निगम हिसार में उजागर किए कई भ्रष्टाचार, अब रिकार्ड साफ
हिसार नगर निगम ने 30 जून 2017 से पहले का रिकार्ड किया नष्ट।

जागरण संवाददाता, हिसार। मरे व्यक्ति के नाम पर नक्शा पास करवा दिए, जहां रिकार्ड में दिखाई सड़क वहां सड़क बनी नहीं बिल पास कर दिए, तो कहीं टाइप में 90 फीसद से अधिक कर्मचारी फेल उन्हें बैकडोर एंट्री से नौकरी दे दी। ऐसे भ्रष्टाचार के कारनामों से भी नगर निगम ने सबक नहीं लिया। बल्कि ऐसे भ्रष्टाचार के मुद्दों को सिरे चढ़ाने वालों पर कार्रवाई करने की बजाए नगर निगम प्रशासन ने अब 30 जून 2017 से पहले का रिकार्ड ही नष्ट कर दिया है। इसमें उन्होंने 24 तरह का अधिकांश दस्तावेज दी रिकार्ड शेड्यूल 1984 के अंतर्गत नष्ट किया है। ऐसे में अब पूर्व में हुए कई भ्रष्टाचार के मुद्दें कागजों के नष्ट हाेने के साथ ही दफन हो गए।

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भ्रष्टाचार के ये ऐसे मुद्दें जो चर्चाओं में रहे

आरटीआई एक्टिविस्टों की मानें तो : आरटीआई से ये भ्रष्टाचार हो चुके उजागर, कुछ की जानकारी नहीं मिलने से कागजों में है दफन

- साल 2015 में जी-8 से संबंधित भ्रष्टाचार का मुद्दा कई साल बाद आरटीआई से उजागर हुआ लेकिन आज तक पूरा सच सामने नहीं आ पाया कि उसमें कौन-कौन शामिल थे।

- कूंजलाल गार्डन निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट का आरोप है कि साल 2015 से आटो मार्केट फेज-3 का डाटा मांग रहा है, क्योंकि सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ था जो जांच में भी सामने आ गया था, लेकिन आज तक वह उसे नहीं दिया। इसके अलावा साल 2012 में एक करोड़ 83 लाख का बिल जारी हुआ लेकिन उसमें से कुछ सड़क मौके पर नहीं मिली। इस मामले में शिकायत तो हुई लेकिन अधर में है जांच।

- कई सालों से कुछ कर्मचारी बिना विभागीय आदेश के अपनी मनमर्जी की ब्रांचों में कार्य करते रहे उनका रिकार्ड आज तक आरटीआई में नहीं मिला।

- टाइपिंग में फेल अयोग्य उम्मीदवारों को निगम में बैकडोर एंट्री दी गई मामला तूल पकड़ा लेकर कार्रवाई आज तक नहीं हुई। अब रिकार्ड खत्म।

- साल 30 जून 2017 से पूर्व कई अधिकारी व कर्मचारी अंदरखाते भ्रष्टाचार कर हाउस रेंट लेते रहे। उन पर कार्रवाई आज तक नहीं हुई।

- हिसार में तो मरे हुए व्यक्ति के नाम पर नक्शे तक पास हो गए। चार्जशीट अफसर पदोन्नति पा गए और अब विभिन्न शाखाओं की फाइलें नष्ट हो गई।

निगम ने पुराने कारनामों पर पोत दी स्याही-महला

सांझा मोर्चा संस्था के अध्यक्ष अनिल महला ने निगम प्रशासन पर आरोप लगाए कि आला अफसरों ने नगर निगम में 30 जून 2017 से पूर्व के पुराने भ्रष्टाचार के काले कारनामों पर स्याही पोत दी। डिजिटलाइजेशन के युग में जहां प्रदेश व केंद्र सरकार सालों पुराने डाटा संजोकर रख रही है। वहीं निगम ने उसे नष्ट कर यह साबित कर दिया कि शहर में साफ छवि दिखाने के पीछे का सच बहुत भयानक है। वर्तमान में तो नो ड्यूज सर्टिफिकेट (एनडीसी) के नाम पर निगम में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। इसकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच हो तो सच का खुलासा हो सकता है।

रिकार्ड नष्ट किया गया

नगर निगम हिसार के कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने बताया कि हमने डाटा तो नष्ट किया है, लेकिन सरकार की चिट्ठी के अनुसार सरकारी हिदायतों को ध्यान में रखते हुए रिकार्ड नष्ट किया गया है।


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