हिसार बस अड्डे का नया गेट मामला, रूट का आरटीए करेगा सर्वे, तभी प्राइवेट बसों को मिलेंगे अगले आदेश
हिसार बस अड्डा के नए गेट से बसों के संचालन का मुद्दा अभी तक सुलझा नहीं पा रहा है। रोडवेज प्रशासन अकेले ही अपने कदम पर खरा उतर रहा है। शुरू में 12 दिन ...और पढ़ें

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार बस अड्डा के नए गेट से रूट का आरटीए खुद सर्वे करेगा। इस सर्वे में आरटीए पता लगाएगा कि यह रूट कितना बेहतर है। मेन गेट के बजाय नए गेट से रूट डायवर्ट होने से कितना असर पड़ा है। रूट डायवर्ट हाेने से रूट की कितनी दूरी बढ़ी है। इसकी रिपोर्ट आरटीए जिला उपायुक्त काे सौंपगा। इसके बाद ही तय होगा कि नए गेट से किन रूटों की बसों का संचालन होगा। हालांकि, इस मामले में रोडवेज प्रशासन व प्राइवेट बस एसोसिएशन के बीच दोबारा से बैठक होनी है। जिन-जिन रूटों की बसे नए गेट से साउथ बाईपास से होकर जाती है। उन रूटों का सर्वे होगा।
रोडवेज प्रशासन को लिखित में रिपोर्ट सौंपेंगे एसएचओ
ट्रैफिक एसएचओ भी शनिवार को रोडवेज प्रशासन को लिखित में रिपोर्ट सौंपेंगे कि नए गेट से बसों का संचालन होने के बाद मेन गेट के बाहर जाम की स्थिति क्या रही। दरअसल रोडवेज जीएम ने टीएम, ट्रैफिक पुलिस के साथ तीन पहले बैठक की थी। उस दौरान हालांकि, ट्रैफिक एसएचओ ने इस पर मौखिक तौर पर सहमति जताई है। मगर रोडवेज जीएम ने यह रिपोर्ट लिखित में मांगी है। यह रिपोर्ट अगले ही दिन सौंपनी थी, पर अब तक नहीं सौंपी। रोडवेज को भी रिपोर्ट का इंतजार है, क्योंकि इसके बाद ही रोडवेज प्रशासन अगला स्टेप उठाएगा। वहीं इस मामले में शहरी एवं निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता खुद उत्सुक है। उन्होंने सभी बसों का इसी गेट से आवागमन के आदेश दिए थे, ताकि मेन पर जाम की स्थिति ना बने।
चालकों ने दी थी सहमति
शहर बस अड्डा के नए गेट से बसों के संचालन का मुद्दा अभी तक सुलझा नहीं पा रहा है। इस वजह से रोडवेज प्रशासन अकेले ही अपने कदम पर खरा उतर रहा है। शुरू में 12 दिन की फिजिबिलिटी जांच में चालकों ने सहमति जताई थी कि यह रूट सही है। इसके बाद संचालन शुरू रखा। मगर प्राइवेट बस वालों ने नए गेट से आवागमन बंद कर दिया है। उनकी मांग है कि आरटीए रूट निर्धारित करे और इसके लिए स्पेशल कमेटी गठित की जाएं।
यह रखी मांगे
प्राइवेट बस एसोसिएशन ने रूट तय करने और किराया बढ़ाने की मांग की है। जितनी दूरी बढ़ी है, उतना किराया दिया जाएं। एसोसिएशन का कहना है कि रूट डायवर्ट होने से पांच से सात किलोमीटर की दूरी बढ़ गई है। दूसरा तलवंडी राणा गांव से दो किलोमीटर दूर रास्ता हाईवे से लिंक है। इससे सवारियां भी नहीं मिलती। निजी बस कर्मी बोले कि एक कमेटी बनाए जाएं। उसमें रोडवेज, आरटीए, आम यात्री व एसोसिएशन के सदस्य शामिल किए जाए।

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