यहां चंदा मांगने वालों से परेशान हो चंदा मांगने पर लगाया 11 हजार रुपये का जुर्माना, मृत्युभोज पर भी प्रतिबंध
गांव सुरेवाला में ग्रामीणों की एक बैठक सरपंच संदीप कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में कई प्रकार की बुराइयां लगातार फैलती जा रही हैं
जेएनएन, उकलाना, हिसार :
गांव सुरेवाला में ग्रामीणों की एक बैठक सरपंच संदीप कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में कई प्रकार की बुराइयां लगातार फैलती जा रही हैं, जिन्हें दूर करने के लिए ग्रामीणों को एकमत होना पड़ेगा और गांव का एक जागरूक गांव बनाना होगा। इसके लिए ग्रामीण पंचायत के साथ मिलकर कड़े कदम उठाएंगे, ताकि आने वाली पीढि़यों पर इन बुराइयों का असर न पड़े और एक अच्छे समाज का निर्माण किया जा सके। बैठक में फैसला किया गया कि गांव में अब कोई भी व्यक्ति मृत्युभोज नहीं लगाएगा और मृत्युभोज पर अब प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही अगर कोई बाहरी व्यक्ति गांव में चंदा मांगने पहुंचा तो उसके ऊपर भी 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इस फैसले को ग्रामीणों ने अपना समर्थन दिया और कहा कि सभी मिल जुलकर इन फैसलों को लागू करवाएंगे। इस मौके पर सन्नी पातड़ा, अतुल पातड़, चंदा राम, बीरा राम, मुकेश, देवी राम, सतीश, आनंद, गुरबेग, सौरभ, दीपक, राजू, अमित, अजय आदि मौजूद रहे।
मृत्युभोज का बढ़ता जा रहा था प्रचलन
गांव सुरेवाला में पहुंचे मृत्युभोज नहीं किया जाता है था लेकिन दूसरे गांवों को रिति रिवाज का असर यहां भी धीरे धीरे पड़ने लगा। जिसके बाद अगर किसी बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो जाती थी तो उनके परिजन हलवा या मिठाई के रूप में ग्रामीणों व रिश्तेदारों को प्रीतिभोज देने लगे। गांव बिठमड़ा में इस पर गत कई वर्ष पूर्व प्रतिबंध लगा दिया गया था और इसी के देखते हुए ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से फैसला किया कि इस सामाजिक बुराई पर प्रतिबंध लगाने का जरूरत है। जिसके कारण ग्रामीणों ने रविवार को मृत्युभोज पर पाबंधी लगा दी।
बाहरी लोग चंदा मांगने आते और ग्रामीणों को करते थे परेशान
ग्रामीणों का कहना था कि कुछ लोग दूसरे क्षेत्रों से आते और खुद को किसी गौशाला या किसी धर्म का प्रतिनिधि बताते हुए गांव से चंदा करके ले जाते थे। जबकि ये लोग फर्जी तरीके से ऐसा करते थे। भंडारे के नाम पर चंदा मांगने के बढ़ते रिवाज से ग्रामीण परेशान हो गए। जिसके बाद आखिर में अब फैसला लेना पड़ा कि अगर कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में आकर चंदा की वसूली करता करता मिला तो उस पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। मृत्युभोज एक सामाजिक बुराई है और यह लगातार बढ़ती जा रही थी। जिसे रोकने के लिए इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही फर्जी लोगों द्वारा चंदे के नाम पर ग्रामीणों को परेशान करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए 11 हजार रुपए जुर्माना लगाने का फैसला किया गया है। बढ़ती सामाजिक बुराईयों को रोकने के लिए भविष्य में भी ऐसे कदम उठाए जाएंगे।
--संदीप पातड़, सरपंच गांव सुरेवाला।