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चमत्‍कार : किसान पर छत गिरी और गर्दन के आर पार हुई रॉड, फिर भी बच गई जिंदगी

अपने घर पर मरम्मत का काम कर रहे किसान धर्मवीर पर छत टूटकर आ गिरी। इससे छत में लगी लोहे की रॉड उसकी गर्दन और सीने के आर-पार हो गई। इलाज चल रहा है

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 03:02 PM (IST)
चमत्‍कार : किसान पर छत गिरी और गर्दन के आर पार हुई रॉड, फिर भी बच गई जिंदगी
चमत्‍कार : किसान पर छत गिरी और गर्दन के आर पार हुई रॉड, फिर भी बच गई जिंदगी

अग्रोहा (हिसार) जेएनएन। कब क्‍या अनहोनी घट जाए कह पाना मुश्किल है। हिसार के गांव नंगथला में एक ऐसी ही घटना घटी है। जहां अपने घर पर मरम्मत का काम कर रहे किसान धर्मवीर पर छत टूटकर आ गिरी। इससे छत में लगी लोहे की रॉड उसकी गर्दन और सीने के आर-पार हो गई। घायल को गंभीर अवस्था में परिजनों ने अग्रोहा के मेडिकल कालेज में दाखिल करवाया हुआ है, जहां से चिकित्सकों ने घायल की हालात को देखते हुए वहां से रेफर कर दिया।

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धर्मवीर खेत में बने अपने मकान में रहता है। मंगलवार को वह अपने मकान के मरम्मत का कार्य कर रहा था। तभी उसके मकान की छत टूटकर उसके उपर आ गिरी और छत में लगी लोहे की रॉड उसकी गर्दन के आर-पार हो कर छाती के निचले हिस्से में जा घुसी। मगर हिसार के निजी अस्‍पताल में भर्ती धर्मबीर का ऑपरेशन सफल हाे गया और वे होश में आ गए। परिजन इसे चमत्‍कार से कम नहीं मान नहीं रहे हैं। आठ फुट से ज्‍यादा लंगा सरिया शरीर के आर पार होने के बावजूद जिंदगी बच जाना आमतौर पर संभव नहीं हो पाता है।

कैंसर से मौत को हादसा दिखा बीमा कंपनी के कागज तैयार करवा क्‍लेम लेने वाला मास्टमाइंड गिरफ्तार

हिसार: कैंसर मरीज सातरोड कलां निवासी कुलदीप की सड़क हादसे में मौत दिखाकर उसके बीमा के लाखों रुपये हड़पने के मामले में पुलिस ने रिलायंस बीमा कंपनी में मैनेजर रहे सोनीपत के सेवली निवासी पवन को सोनीपत जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर गिरफ्तार किया। वह बीमा के कागज तैयार करने का मास्टमाइंड था। सभी केसों के बीमा के कागज कैसे तैयार होने हैं, पवन ही आरोपितों को बताता था। कुलदीप के मामले में भी उसको तीन लाख रुपये मिले थे। पूछताछ में पवन ने कई लोगों के नाम लिए हैं। पुलिस अब उनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। इस मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम की भी धाराएं जोड़ी गई हैं।

पुलिस के अनुसार सड़क हादसा दिखा कर करोड़ों रुपये की रकम बीमा के रूप में लेने के गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर मनोज कुमार ने मामला दर्ज करवाया था। इस कंपनी से मृतक कुलदीप की बीमा राशि जारी हुई थी। जबकिरिलायंस कंपनी में हुए बीमा की राशि को कंपनी ने जारी नहीं किया था। जांच में पवन की संलिप्ता मिलने के बाद उसको जेल से गिरफ्तार कर एक दिन के रिमांड पर लिया था। पवन ने पुलिस को बताया कि वह सिर्फ बीमा के कागज तैयार करवाता था। मौत के बाद बीमा लेने में दिक्कत न तो इसका ध्यान रखा जाता था। कागज में किसी प्रकार की कमी भी नहीं होती थी। पुलिस के समक्ष पवन ने कई लोगों के नाम भी लिए हैं। पवन के साथ एक अन्य आरोपित सचिन को भी पुलिस पूछताछ के लिए लाई थी, लेकिन उससे कुछ जानकारी नहीं मिलने के कारण एक बार उसे वापस जेल भेज दिया गया।

हिसार के एक अकाउंट में आया था पैसा

मृतक कुलदीप के बीमा की राशि मार्च 2018 में बैंक खाते में आ गई थी। पत्नी नॉमिनी होने के कारण वह पैसा आते ही उसको बैंक ले जाया गया था। महिला के अकाउंट से आरोपितों ने एक फर्म के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया था। साढ़े 12 लाख रुपये से ज्यादा की राशि होने के कारण पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है।

यह है पूरा मामला

सोनीपत पुलिस ने प्राकृतिक मौतों को सड़क हादसों में हुई मौत दिखाकर बीमा क्लेम लेने की पहली एफआइआर 12 अप्रैल को दर्ज की थी। सोनीपत पुलिस उस मामले में हिसार के सरकारी डाक्टर अमित कुमार, एक पुलिस वाले समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। हिसार और हांसी के सरकारी अस्पतालों में ऐसे मामलों के पोस्टमार्टम की बात पहले ही सामने आ चुकी थी।


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