Coronavirus : रोहताश खिलेरी की एवरेस्ट चढ़ाई रद, 24 घंटे रुक बनाना था वर्ल्ड रिकॉर्ड
हिसार के रोहताश 16 मई 2018 को माउंट एवरेस्ट फतेह कर चुके हैं और हाल ही में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर तिरंगा लहरा चुके हैं। अब वे नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में थे
हिसार, जेएनएन। कोरोना वायरस ने जहां पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है, वहीं इसके प्रभाव के चलते नेपाल सरकार ने भी अप्रैल में प्रस्तावित माउंट एवरेस्ट कार्यक्रम को रद कर दिया है। ऐसे में मिशन एवरेस्ट की तैयारियों में लगे गांव मलापुर निवासी पर्वतारोही रोहताश खिलेरी की मेहनत पर पानी फिर गया है। इससे पहले रोहतश 16 मई 2018 को माउंट एवरेस्ट फतेह कर चुके हैं और हाल ही में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर तिरंगा लहरा चुके हैं।
रोहताश माउंट एवरेस्ट की चोटी पर 24 घंटे रुक कर नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रहे थे। हालांकि पहले नेपाल सरकार ने रोहताश को इसकी परमिशन नहीं दी, जिसको लेकर वे खेल मंत्री संदीप कुमार से भी मिले थे। काफी प्रयासों के बाद जब उन्हें परमिशन मिली तो कोरोना वायरस के चलते नेपाल ने एक बार फिर से अप्रैल में माउंट एवरेस्ट के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।
मेहनत पर फिरा पानी, की थी कड़ी मेहनत
माउंट एवरेस्ट पर माइनस 60 से 70 डिग्री टेंपरेचर होता है। इसलिए रोहताश खिलेरी भी पूरी मेहनत के साथ दिन में सात से आठ घंटे की कड़ी फिजिकली प्रैक्टिस, एक से दो घंटे स्वीमिंग और मेडिटेशन कर अपने आप को इसके लिए तैयार कर रहा था। रोहताश का कहना है कि मिशन रद्द होने से उसकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया, लेकिन फिर भी वे अपनी तैयारी जारी रखेंगे और जैसे ही माउंट एवरेस्ट मिशन के लिए परमिशन मिलेगी, वे माउंट एवरेस्ट पर 24 घंटे रूकने का रिकॉर्ड देश के नाम करेंगे। माउंट एवरेस्ट पर 24 घंटे रुककर रिकॉर्ड बनाने का सपना हाल में ही पूरा जाता मगर उनके गाइड की तबीयत खराब होने के कारण रोहताश ऐसा नहीं कर सके थे। ऐसे में रोहताश ने दोबारा यह मन बनाया था कि इस बार वे यह मुकाम जरूर हासिल करेंगे। मगर कोराेना के कारण उन्हें अभी इंतजार करना होगा।