Move to Jagran APP

रोहतक पीजीआई में पैट स्कैन, गामा कैमरा से जल्दी होगी कैंसर की पहचान, मरीजों को मिलेगा पुख्‍ता इलाज

रोहतक पीजीआई में लीनीयर एक्सीलेटर काम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है। काम्पलेक्स निर्माण पर संस्थान की ओर से 9.58 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। लीनीयर एक्सीलेटर काम्पलेक्स का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहां पर लीनीयर एक्सीलेटर मशीन आएगी। जिससे कैंसर की जल्‍द पहचान होगी

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 02:18 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 02:18 PM (IST)
रोहतक पीजीआई में पैट स्कैन, गामा कैमरा से जल्दी होगी कैंसर की पहचान, मरीजों को मिलेगा पुख्‍ता इलाज
रोहतक पीजीआई में 2022 के अंत तक तैयार होगा लीनीयर एक्सीलेटर काम्पलेक्स, कैंसर रोगियों को मिलेगी राहत

विक्रम बनेटा, रोहतक: पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में लीनीयर एक्सीलेटर काम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है। काम्पलेक्स निर्माण पर संस्थान की ओर से 9.58 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। लीनीयर एक्सीलेटर काम्पलेक्स का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहां पर लीनीयर एक्सीलेटर मशीन आएगी। जिसका प्रदेश भर के कैंसर रोगियों को बड़ा फायदा मिलेगा। अभी तक यह सुविधा प्रदेश में कुछ चुनिंदा संस्थानों के पास ही उपलब्ध है। लीनीयर एक्सीलेटर मशीन आने के बाद यहां आने वाले कैंसर रोगियों को सिकाई के दौरान काफी राहत मिलेगी। सिकाई के दौरान इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसके तहत जब सिकाई में रेडियो तरंगें कैंसर प्रभावित क्षेत्र में छोड़ी जाती है तो मरीज की त्वचा बर्न हो जाती है। इस तकनीक की मदद से उन किरणों पर अधिक फोकस किया जा सकेगा और मरीज की त्वचा भी नहीं जलेगी।

loksabha election banner

पैट स्कैन व गामा कैमरा से होगी जल्द पहचान

पैट स्कैन मशीन से जांच के लिए मरीज के हाथ में रेडियोएक्टिव ग्लूकोज को इंजेक्ट किया जाएगा। जिसके बाद पूरे शरीर में असामान्य व्यवहार को रिकार्ड कर कैंसर सहित ब्रेन और हार्ट की बीमारियों को पता लगाया जाएगा। इसके प्रयोग से सूक्ष्मतम कैंसर का भी पता लगाने में आसानी होगा तथा मरीज का उपचार जलद शुरू हो सकेगा। गामा कैमरे की सहायता से शरीर में कैंसर की सही स्थिति पता लगाई जा सकेगी। साथ ही हार्ट के मरीजों के लिए भी यह कारगर है। हार्ट के मरीजों की मांसपेशियों व रक्त धमनियों में होने वाले प्रवाह की जांच हो सकेगी। साथ ही हडि्डयों व जोड़ों में होने वाले सूक्ष्म परिवर्तन के साथ किडनी ट्रांसप्लांट में काम आएगी।

कोबाल्ट थैरेपी में दूसरे टिश्यू भी होते हैं क्षतिग्रस्त

पीजीआइ में बनने वाले लीनीयर एक्सीलेटर काम्पलेक्स में बंकर का निर्माण किया जाएगा। जिसमें इस मशीन को इंस्टाल किया जाएगा। मशीन को इंस्टाल करने से पहले इसकी दीवारों को एल्युमीनियम से तैयार किया जाएगा ताकि मशीन से निकलने वाला रेडिएशन बंकर से बाहर न जा सके। कोबाल्ट थैरेपी से इस समय मरीजों को सिकाई जाती है। जिसमें मरीज के कैंसर प्रभावित एरिया के अलावा अन्य टिश्यू भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इससे मरीज को राहत मिलने में देरी होती है। वहीं, लीनियर एक्सीलेटर मशीन से अन्य टिश्यू क्षतिग्रस्त नहीं होंगे। इससे सिर्फ कैंसर प्रभावित एरिया को ही सेंक दी जाएगी। इससे कैंसर राेगियों को काफी राहत मिलेगी और इलाज भी जल्दी संभव हो सकेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.