सीएम के घोषणा पत्र में लिखा गया एक गलत शब्द, डेढ़ साल से अटका पड़ा आरओबी प्रोजेक्ट
तेल डिपो फाटक और निरंकारी रोड फाटक पर रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना है। मगर यह प्रोजेक्ट सवा साल से अधर में लटका हुआ है।
हिसार, जेएनएन। तेल डिपो फाटक और निरंकारी रोड फाटक पर रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना है। मगर, यह प्रोजेक्ट सवा साल से अधर में लटका हुआ है। सीएम घोषणा के पत्र में गलती से आरओबी की जगह फाटक शब्द लिख दिया गया। यह फाटक शब्द ही इस प्रोजेक्ट पर भारी पड़ गया।
बीएंडआर विभाग को प्रोजेक्ट सौंपने की बजाय नगर निगम की झोली में डाल दिया गया। अधिकारियों से जहां तक संभव हो सकता था। जब तक गलती सुधारी नहीं गई, तब निगम अधिकारी जी जान से प्रोजेक्ट की फिजिब्लिटी आदि जांचने की कोशिश की। मगर, कामयाबी हासिल नहीं हुई तो प्रोजेक्ट का नाम ठीक करवाने का पत्र लिखकर निगम ने बीएंडआर को प्रोजेक्ट ट्रांसफर करवा दिया। इस पूरी प्रक्रिया में जो प्रोजेक्ट अब तक शुरू हो जाना था। उसका वक्त बढ़ गया।
यह है प्रोजेक्ट
शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 3 नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री ने महाबीर कॉलोनी स्थित तेल डिपो फाटक और निरंकारी रोड फाटक पर आरओबी बनाने की घोषणा की थी। घोषणा के अनुसार नायब तहसीलदार को निशानदेही करवाने के आदेश दिए थे और निगम को प्रोजेक्ट सौंप दिया गया था। निगम, बीएंडआर अधिकारियों ने मिलकर फिजिब्लिटी को लेकर सर्वे किया था। मगर, तकनीकी तौर पर निशानदेही का काम नहीं हो पाया। पुल बनाने में अक्षम नगर निगम के अधिकारियों से सरकार को पत्र लिखकर इस प्रोजेक्ट को आरओबी लिखकर बीएंडआर को सौंपने की सिफारिश कर डाली।
प्रोजेक्ट से इस एरिया को होगा लाभ
प्रोजेक्ट के अनुसार काम होता है तो कृष्णा नगर, पीएलए, अर्बन एस्टेट, सेक्टर 13, सेक्टर 9-11 आदि एरिया के लोगों को लाभ होगा। उन्हें शहर के जाम से जूझना नहीं पड़ेगा। वहीं दस से 20 हजार वाहनों का ट्रैफिक दिल्ली रोड पर कम होगा।
--हमारी ओर से प्रोजेक्ट बीएंडआर विभाग को सौंप दिया गया है। सीएम घोषणा में आरओबी की जगह फाटक शब्द का प्रयोग कर दिया गया था। इस कारण प्रोजेक्ट नगर निगम के पास आ गया था। सरकार को पत्र लिखकर उसे बीएंडआर के पास भेज दिया है। बीएंडआर विभाग ही इस काम को अंजाम देगा।
प्रवीण कुमार, एमई, नगर निगम।