रक्षाबंधन पर रोडवेज बसों में खचाखच रही भीड़, मगर हिसार डिपो की तीन लाख रुपये घटी आमदनी
रक्षाबंधन के चलते सरकार ने महिलाओं व 15 साल तक के बच्चों का दो दिन के लिए निशुल्क सफर करने की घोषणा की थी। 10 अगस्त से दोपहर 12 बजे के बाद से 11 अगस्त रात्रि 11 बजे तक करीब 90 से 95 हजार यात्रियों ने सफर किया।
जागरण संवाददाता, हिसार। रक्षाबंधन का त्योहार ज्यादातर लोगों ने शास्त्राें के अनुसार 11 अगस्त के बजाय 12 व 13 अगस्त को मनाया। ऐसे में 12 व 13 अगस्त को बसों में महिलाओं व बच्चों की भीड़ ज्यादा नजर आई। चाहे वह रोडवेज बस हो या प्राइवेट। मगर हुआं यूं कि सरकार व रोडवेज प्रशासन द्वारा जो रक्षाबंधन के पर्व पर प्रबंध किए गए थे, वह 10 से 11 अगस्त को किए थे। उसी दिन कई रूटों पर स्पेशल बसें चलाई गई थी और किराया में छूट थी। इन दो दिनों में बसों में काफी भीड़ थी। मगर इसके मुकाबले 12 व 13 अगस्त को और भी ज्यादा भीड़ नजर आई।
एक कारण यह भी है कि स्पेशल बसें बंद कर दी गई है, क्योंकि यह सिर्फ दो दिन के लिए चली थी। इन स्पेशल बसों पर रोडवेज जीएम ने उन चालक व परिचालकों की ड्यूटी लगाई थी, जो बस स्टैंड या कार्यालयों में तैनात थे। इनके दो दिन के लिए रूट पर आदेश हुए थे। इस वजह से बसों की कमी हुई। सिरसा-फतेहाबाद व बालसमंद-भादरा, तोशाम व चंडीगढ़ रूट पर भीड़ सबसे ज्यादा मिली।
पांच-पांच मिनट में बसों में यात्रियों की संख्या फुल हो रही थी। बसों की कमी होने के कारण महिलाओं से लेकर बच्चों को बसों की खिड़कियाें से लटककर सफर करना पड़ा और यात्रियों को बसों की छत पर बैठकर जाना पड़ा। अभी भी आवागमन जारी है।
आर्थिक रूप से तीन लाख की कम हुई आय
रक्षाबंधन के चलते सरकार ने महिलाओं व 15 साल तक के बच्चों का दो दिन के लिए निशुल्क सफर करने की घोषणा की थी। 10 अगस्त से दोपहर 12 बजे के बाद से 11 अगस्त रात्रि 11 बजे तक करीब 90 से 95 हजार यात्रियों ने सफर किया। इनमें महिलाएं व 15 साल के बच्चे भी शामिल रहे, जिनका किराया नहीं लगा। ऐसे में रोडवेज को आर्थिक रूप से तीन लाख रुपये की आय कम हुई। औसतन प्रतिदिन 22 से 23 लाख आय होती थी, पर 11 अगस्त को 20 लाख आय हुई।
50 फेरे ज्यादा लगे और आठ हजार किलोमीटर बढ़े
रक्षाबंधन पर रोडवेज ने 22 स्पेशल बसें चलाई थी। इस वजह से हर रोज 50 फेरे अतिरिक्त लगे और आठ हजार किलोमीटर बढ़े। हिसार डिपो की औसतन 57 से 58 हजार किलोमीटर होती थी। 11 अगस्त को 66 हजार किलोमीटर हुए।
सुरक्षित सफर किया
रक्षाबंधन पर सरकार व रोडवेज प्रशासन और पुलिस ने पुख्ता प्रबंध किए थे। बस स्टैंड से लेकर सार्वजनिक जगहों पर पुलिस की सख्ती थी और बसों में भी चढ़ते समय यात्रियों को जागरू किया जा रहा था। इससे महिलाओं व बच्चे सुरक्षित अपने घर तक पहुंचे।