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Haryana Roadways: हरियाणा सरकार ने रोडवेज बसों की पासिंग अवधि 5 साल ओर बढ़ाई, जानें हिसार को कितना मिलेगा फायदा

हिसार डिपो में 35 बसे ऐसी है जिनकी पासिंग का समय 10 साल पूरा होने के करीब है। अब इन बसों को मैकेनिक अलग से छंटनी कर ठीक करने में लगे है। इसके बाद इन बसों की लाइफ बढ़ेगी। इनमें से करीब 15 बसों की कंडीशन अधिक खराब है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 09:14 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 09:14 PM (IST)
Haryana Roadways: हरियाणा सरकार ने रोडवेज बसों की पासिंग अवधि 5 साल ओर बढ़ाई, जानें हिसार को कितना मिलेगा फायदा
बसों की पूरी तरह से रेनोवेशन और कंडीशन करनी होगी तैयार

कुलदीप जांगड़ा, हिसार। हरियाणा रोडवेज की बसें दस के बजाय 15 साल सड़कों पर दौडग़ी। सरकार ने बसों की लाइफ बढ़ाने के लिए पासिंग की अवधि पांच साल और बढ़ा दी है। इसके लिए सरकार ने कुछ मानक बनाए हैं। उसी अनुसार बसों की पूरी तरह से रेनोवेशन और कंडीशन को तैयार करनी होगी। इसके बाद ही आरटीओ इन बसों को पास या मान्य करेगा। हालांकि, इसके लिए सरकार ने रोडवेज अधिकारियों को पत्र जारी किया हुआ है। उसमें सभी मानक दिए गए है कि दस साल के बाद पासिंग होने वाली बसों को कैसे तैयार करना है। इससे पहले रोडवेज बसों की पासिंग आठ साल तक होती थी, लेकिन अब दस साल पासिंग होती है। अब साल के अंत में रोडवेज अधिकारी हिसार व हांसी डिपो के बसों की सूची बना रहे है, जिनके पासिंग का समय 10 साल पूरा होने को है। हांसी डिपो की बसे भी ठीक होने के लिए हिसार वर्कशाप में आएगी। उनका समय पर बाडी व रंग का कार्य करवाने के लिए आदेश दिए हैं।

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35 बसों की बढ़ेगी लाइफ

फिलहाल हिसार डिपो में 35 बसे ऐसी है, जिनकी पासिंग का समय 10 साल पूरा होने के करीब है। अब इन बसों को मैकेनिक अलग से छंटनी कर ठीक करने में लगे है। इसके बाद इन बसों की लाइफ बढ़ेगी। इनमें से करीब 15 बसों की कंडीशन अधिक खराब है। अब इन बसों को पूरी तरह नई जैसी तैयार किया जाना है। पांच बसें तैयार कर ली गई है और कुछ बाकी है।

यह हैं मानक

- बसों की शीशे पूर्ण व अच्छी कंडीशन करवाना, न कि टूटे हुए।

- बाडी कार्य, पेंट करना व वायपर सिस्टम चालू होना।

- बस के आगे-पीछे रिफ्लेक्टर टेप लगाना।

- बस की चेसिस नंबर को सही से साफ करना।

- बस में फस्ट ऐड बाक्स, आग बुझाने के गैस सिलेंडर फिट करवाना।

बस की देखभाल चालक पर निर्भर है

मैकेनिकों के अनुसार 10 साल में बसों की कंडीशन पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। अगर बसों को सही तरह से चलाया व ध्यान रखा जाएं तो आगे भी चल सकती है और कम काम की जरूरत पड़ती है। बस की देखभाल चालक पर निर्भर करती है। ग्रामीण में लोकल रूट व खारा पानी से धुलाई होने पर ही बसें जर्जर व कंडम जल्दी होती है।

हिसार डिपो की 40 बसों की बढ़ेगी लाइफ

हमारे पास वर्कशाप में अभी 12 बसें आई हुई है। हमनें 5 बसें की कंडीशन ठीक कर दी है और ठीक करनी बाकी है। उनको भी नए आदेशानुसार जल्द तैयार किया जाएगा। इन बसों की नीचे की बाडी अधिक कंडम है। इसलिए समय अधिक लगेगा।

सुरजभान, सुपरवाइजर, वर्कशाप, हिसार डिपो।

फिटनेस के आधार पर होगी पासिंग

हमारे पास बसों की पासिंग अवधि पांच साल बढ़ने के आदेश आ चुके हैं। उसके लिए पहले बसों की फिटनेस भी देखी जाएगी कि वह पासिंग होगी या नहीं। फिर फिटनेस के आधार पर पासिंग होगी।

सुखदेव सिंह, कार्यकारी टीएम, हिसार डिपो।


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