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यहां सड़कों पे ही सजती इस तरह से दुकान, रास्ता तलाशने को मजबूर हो जाए इंसान

शहर की मेन मार्केट में भले ही चौड़ी सड़कें रात के वक्त नजर आती हों। मगर दिन के वक्त यहां का नजारा कुछ और ही होता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 02:32 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 02:55 PM (IST)
यहां सड़कों पे ही सजती इस तरह से दुकान, रास्ता तलाशने को मजबूर हो जाए इंसान
यहां सड़कों पे ही सजती इस तरह से दुकान, रास्ता तलाशने को मजबूर हो जाए इंसान

जेएनएन, हिसार : शहर की मेन मार्केट में भले ही चौड़ी सड़कें रात के वक्त नजर आती हों। मगर दिन के वक्त यहां का नजारा कुछ और ही होता है। अतिक्रमण करने वाले इन सड़कों को इस तरह से संकरी कर देते हैं कि राहगीरों को यहां से गुजरने के लिए भी रास्ता तलाशना पड़ता है। राजगुरू मार्केट के हालात की बात करें तो यहां सड़क पर ही दुकानें सजती हैं। त्योहारी सीजन भी शुरू हो चुका है। राजगुरु मार्केट में पाíकंग भी राजगुरु मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन को सौंप दी गई है। बेहतर व्यवस्था देने और रेहड़ी व अतिक्रमण को नियंत्रित करने के वादों पर एसोसिएशन को पाíकंग सौंपी गई। पाíकंग व्यवस्था को बेहतर बनाने की एसोसिएशन कोशिश कर रही है। त्योहारी सीजन में अभी तक जहां मार्केट के दुकानदारों ने बरामदों में कब्जा किया हुआ था। अब सड़कों पर स्टॉल लगाकर कब्जा करना शुरू कर दिया था। बीच सड़क में पाíकंग होने और दोनों ओर स्टॉल लग जाने के कारण आम आदमी को पैदल चलने के लिए दो फुट की जगह बमुश्किल ही मिल पा रही है।

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आलम यह है कि तेज धूप में महिलाओं और बच्चों को भीड़ से गुजरना पड़ रहा है। न उन्हें पूरी सड़क मिल रही है और न ही बरामदों में जगह आम आदमी को मिल रही है। ऐसे में जनता की भलाई और व्यापारी की दुहाई देने वाले व्यापारियों के अव्यवस्था फैलाने की आदत ही लोगों को राजगुरु मार्केट से विमुख कर रही है।

स्टॉलों से होती है कमाई

त्योहारी सीजन के अंदर दुकानदार अपनी दुकानों के आगे स्वयं के कर्मचारियों या अन्य लोगों को स्टॉल लगवाते हैं। प्रति मेज के हिसार से प्रतिदिन के 500 रुपये से एक हजार रुपये लिए जाते हैं। इसको लेकर हर साल निगम अधिकारियों और दुकानदारों के बीच विवाद होता है। क्योंकि त्योहारी सीजन में स्टॉल ही दुकानदारों की सबसे बड़ी कमाई होती है। बरामदों से लेकर सड़कों पर स्टॉल ही नजर आती है। नगर निगम के कार्रवाई करने दुकानदार व एसोसिएशन विरोध करना शुरू कर देते है। कुछ अधिकारियों की दोस्ती जनता पर पड़ रही भारी

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार नगर निगम के कुछ अधिकारियों को राजगुरु मार्केट के चु¨नदा व्यापारियों के साथ गहरी दोस्ती है। जैसे ही नगर निगम की टीम कार्रवाई करने के लिए जाती है। पहले से ही मार्केट में जानकारी पहुंचा दी जाती है। यह कई बार औचक निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की ओर से देखा गया है। जैसे ही अधिकारी जाते है, उसके बाद पुन: पहले जैसे हालात पैदा हो जाते है। इससे नगर निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग जाता है। अवैध बन रही दुकानें, सभी ने साधी चुप्पी

राजगुरु मार्केट में दुप्ट्टा मार्केट में दो अवैध रूप से दुकानें बनाई जा रही है। नगर सुधार मंडल की स्कीम के तहत दुकानें बन रही हैं। दोनों दुकानें नियमानुसार नहीं है। हैरानी की बात यह है कि नगर निगम अधिकारियों ने बीते दिनों राजगुरु मार्केट में प्रोग्राम किया था और पांच घंटे गुजारे थे। किसी भी अधिकारी को यह दुकानें नजर नहीं आई। इन दुकानों के मेटीरियल के कारण और स्टॉल लगने से लोगों को परेशानी हो रही है। ये है मौजूदा व्यवस्था

. बरामदों में अतिक्रमण

. सड़कों के बीच पाíकंग

. सड़कों के दोनों ओर स्टॉल

. जनता को चलने के लिए दो फुट सड़क नहीं।

. एसोसिएशन को पाíकंग व व्यवस्था सौंपी। नहीं आया कोई बदलाव। राजगुरु मार्केट में जनता को बरामदें और सड़क दोनों दिलवाई जाएगी। जनता को बेहतर सुविधा दिलाने के लिए जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

डा. जयबीर ¨सह यादव, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम


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