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हिसार में ओवरलोड वाहनों से हो रही सड़क दुर्घटनाएं

यह सर्दी के मौसम में धुंध के समय और भी खतरनाक हो जाते हैं। यही कारण है कि पूर्व में दिल्ली रोड स्थित तोशाम बाइपास पर राजगढ़ रोड पर आजाद नगर के समीप सहित शहर के भीतर ही कई स्थान ऐसे हैं जहां अक्सर हादसे होते रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 07:33 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 07:33 AM (IST)
हिसार में ओवरलोड वाहनों से हो रही सड़क दुर्घटनाएं
हिसार में ओवरलोड वाहनों से हो रही सड़क दुर्घटनाएं

वैभव शर्मा, हिसार

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जिले में सड़क हादसों की बड़ी वजह जगह-जगह फैले ब्लैक स्पॉट हैं। जहां अक्सर सड़क हादसे होते रहते हैं। कई स्थानों पर प्रशासन ने सुधार भी किए, मगर पूरी तरह से ब्लैक स्पॉट आज भी समाप्त नहीं हुए हैं। यह सर्दी के मौसम में धुंध के समय और भी खतरनाक हो जाते हैं। यही कारण है कि पूर्व में दिल्ली रोड स्थित तोशाम बाइपास पर, राजगढ़ रोड पर आजाद नगर के समीप सहित शहर के भीतर ही कई स्थान ऐसे हैं जहां अक्सर हादसे होते रहते हैं।

कुछ समय पहले प्रशासन ने रोड सेफ्टी एसोसिएट के माध्यम से सड़क हादसों की वजह जानने के लिए सर्वेक्षण कराया था। जिसमें शहर में अलग-अलग स्थानों पर 11 जगह ऐसी मिली थी, जहां पर अक्सर हादसे हो रहे हैं। कुछ स्थानों पर तो एक से अधिक बार सड़क हादसे हुए। हिसार जिले में अक्टूबर माह तक हुए सड़क हादसों में 114 लोगों ने जान गंवाई है। जिसमें से अधिकतर मामलों का सीधा संबंध वाहनों व नशे से है।

इन उदाहरणों से जानिए सड़क हादसों में ओवरलोड वाहनों की भूमिका केस 1-

तूड़ी से भरी गाड़ियां

प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद ओवरलोडिग को लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। मंगलवार को राजगढ़ रोड पर रात्रि के समय एक तूड़ी से भरी ट्रैक्टर-ट्राली गुजर रही थी। इसमें क्षमता से भी अधिक तूड़ी भरी हुई थी, जो गाड़ी से बाहर निकलकर सड़क को घेर रही थी। अचानक ट्रैक्टर खराब हो गया। चालक वहीं बीच सड़क पर इसे खड़ा कर सो गया। यही कारण है कि ओवरलोडिग सड़क हादसों में एक बड़ी वजह है। खास तौर पर ऐसे वाहन जो रात को धुंध के समय गाड़ी में अतिरिक्त तूड़ी भरकर ले जाते हैं।

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केस 2-

चिह्नों का प्रयोग करने में गंभीरता न दिखाता

दो वर्ष पहले हिसार के जिदल पुल पर रात्रि के समय सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था। इस पुल पर आने वाली गाड़ियों के लिए कोई संकेतक नहीं लगाया था। लिहाजा देर रात्रि एक गाड़ी मजदूरों पर चढ़ती हुई पुल से नीचे जा गिरी। इसके बाद पीछे से आने वाली गाड़ियां भी यहां टकराईं। इस हादसे पांच मजदूरों की मौत हुई थी। हादसे के बाद भी प्रशासन नहीं चेता। आज भी कई स्थानों पर निर्माण कार्य के दौरान संकेतकों का प्रयोग नहीं किया जाता।

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केस 3-

तोशाम रोड निगलता रहा जान

तोशाम रोड पर सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया। कार्य किसी कारण से रुका तो कई दिन तक रोडी बजरी सड़क पर ही पड़ी रही। यहां वाहन धीमी रफ्तार से चलें, इसके लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि इस निर्माणाधीन सड़क पर कई हादसे हुए, जिनमें तीन लोगों ने जान गंवाई।

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यह हैं शहर के ब्लैक स्पॉट

- पारिजात चौक

- फोरव्हीलर चौक

- तलाकी गेट

- फव्वारा चौक

- जिदल फ्लाईओवर से कैंट की तरफ उतरते हुए स्थान

- जीजेयू के पास ऑटोमार्केट मोड

- एचएयू के गेट नंबर 4 के सामने

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नो पार्किंग में खड़े वाहन ट्रैफिक जाम का बन रहे कारण

शहर में नो पार्किंग जोन में बेतरतीब खड़े होने वाले वाहन ट्रैफिक जाम का बड़ा कारण है। नागोरी गेट क्षेत्र, कैंप चौक, माल रोड, पारिजात चौक व फोरव्हीलर चौक के पास नो पार्किंग में खड़े वाहन ही जाम का कारण बन रहे हैं। नो पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों के सैकड़ों चालान भी हुए, इसके बावजूद समस्या दूर नहीं हो रही।

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ट्रैफिक सिग्नल की लचर व्यवस्था

शहर में ट्रैफिक नियमों के पालन न होने का एक बड़ा कारण ट्रैफिक सिग्नल की लचर व्यवस्था है। इस बात को आप ऐसे समझ सकते हैं कि कुछ समय पहले पुलिस विभाग ने जिदल चौक पर नई ट्रैफिक लाइटें लगाई, मगर यह सुचारू नहीं हो सकी और टूट कर लटक गई। कई स्थानों पर तो ट्रैफिक को सुचारू करने के लिए सिग्नलों को बंद तक करना पड़ता है।

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सड़क हादसों से पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक नुकसान

आरटीए डा. सुनील ढाका बताते हैं कि जिन यातायात नियमों को हम हल्के में लेते हैं, वही आगे चलकर सड़क हादसे की वजह बनते हैं। ड्राइविग लाइसेंस बनवाते समय लोग महज जानकारी के लिए चिह्नों को याद करते हैं। बाद में उनमें से कई को पहचान तक नहीं पाते। नियमों की जानकारी न होना व पालन न करने से सड़क हादसे होते हैं, जो हमें सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक हानि पहुंचा रहे हैं। यातायात पालन को घर से ही शुरू करना होगा। परिवार को यातायात के प्रति गंभीरता अपनाते हुए बच्चों की गलतियां सुधारनी होगी। जागरूकता इसमें अहम योगदान देगी।


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