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सिरसा में बिजली चोरी का मामला, नाबालिग को लेने थाने पहुंचे स्वजन, हुआ हंगामा

सिरसा में बिजली चोरी के मामले में पुलिस टीम आरोपित और उसके पोते को लेकर डिंग थाना पहुंची। जहां स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। बाद में पुलिस ने नाबालिग भतीजे को बाल कल्याण समिति के माध्यम से कार्रवाई कर स्वजनों को सौंपा।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 04:07 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 04:07 PM (IST)
सिरसा में बिजली चोरी का मामला, नाबालिग को लेने थाने पहुंचे स्वजन, हुआ हंगामा
सिरसा डिंग थाने में हुआ जमकर हंगामा।

सिरसा, जागरण संवाददाता। फतेहाबाद थाना सिंचाई व बिजली में तैनात हेड कांस्टेबल कुलवंत सिंह की शिकायत पर डिंग थाना पुलिस ने गांव सुचान निवासी रणजीत सिंह व उसकी बहन अमृतकौर के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि दोनों भाई बहनों ने अपने नाबालिग भतीजे व अपने पिता की स्कूटी डिंग थाना में से बिना हस्ताक्षर किए ले ली और पुलिस कर्मियों से अभद्र व्यवहार किया। बाद में पुलिस ने नाबालिग भतीजे को बाल कल्याण समिति के माध्यम से कार्रवाई कर उसके स्वजनों को सौंपा।

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पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार

पुलिस को दी शिकायत में हेड कांस्टेबल कुलवंत सिंह ने बताया कि वह फतेहबाद थाना सिंचाई और बिजली हिसार में तैनात है। उसको डिंग सब डिविजल एरिया में बिजली चोरी के मामलों की जांच दी हुई है। उसने बताया कि बीती 22 सितंबर 2020 को बिजली चोरी के मामले की जांच करने के लिए बीती 24 जून को सिंचाई एवं बिजली थाना की टीम डिंग थाने में पहुंची। यहां से उन्होंने होमगार्ड सोनू को अपने साथ लेकर सुचान गांव के लिए चल दिये।

रास्ते में सुचान में रोड पर स्कूटी पर सवार बिजली चोरी का आराेपित गुरबक्श सिंह निवासी सुचान उन्हें दिखाई दिया। उसके साथ एक बच्चा भी था। हेड कांस्टेबल कुलवंत सिंह ने बताया कि उसने बिजली चोरी मामले में बकाया 73,451 रुपये जुर्माना उसे भरने के लिए कहा। आरोपित ने कई बार नोटिस देने के बाद भी जुर्माना नहीं भरा, जिस कारण उसे गिरफ्तार किया गया। आरोपित गुरबक्श सिंह ने अपने साथ छोटे बच्चे के बारे में बताया कि यह उसका पोता गुरवंश है। गुरवंश को वहां नेशनल हाइवे पर नहीं छोड़ा जा सकता था और न ही वह अपने घर का मोबाइल नंबर बता रहा था। जिसके बाद सुचान की निर्वतमान सरपंच सुनीता रानी व गांव के चौकीदार राकेश को सूचना दी गई।

पुलिस टीम आरोपित उसके पोते व स्कूटी को लेकर डिंग थाना में आ गई। इसके बाद पुलिस टीम आरोपित गुरबक्श सिंह को अदालत में पेश करने के लिए ले गए जबकि बच्चे के पास इएचसी मंगल सिंह, भूपेंद्र सिंह को छोड़ गए। बाद में गांव का चौकीदार राकेश थाने में पहुंचा और उसके बच्चे के स्वजनों को सूचना दी और उनसे कहा कि वे बच्चे व स्कूटी को डिंग थाने से ले जाएं।

हेड कांस्टेबल ने बताया कि थोड़ी देर बाद बच्चे का चाचा रणजीत सिंह व बुआ अमृतकौर थाने में आए, जहां इएचसी मंगल सिंह, भूपेंद्र सिंह ने उनसे कहा कि आप फर्द हवालगी पर हस्ताक्षर कर बच्चे व स्कूटी को ले जाओ लेकिन दोनों आरोपितों ने उनके साथ गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि वे कोई हस्ताक्षर नहीं करेंगे। वे दोनों बच्चे को जबरदस्ती ले जाने लगे, जिस पर पुलिस कर्मियों ने बच्चे को पार्क में बैठाया और डिंग थाना प्रभारी की मदद से बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया।

हेड कांस्टेबल कुलवंत सिंह ने बताया कि इसके बाद वह भी बाल कल्याण समिति के सिरसा कार्यालय में पहुंच गया। जहां बाल कल्याण समिति ने बच्चे को शारीरिक व मानसिक रूप से सही पाया और बाद में उसके स्वजनों के हवाले कर दिया। इस मामले में इएचसी मंगल सिंह व भूपेंद्र ने उसे सारे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। जिसमें मालूम हुआ कि रणजीत सिंह व अमृतकौर के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई है। एएसआइ अभय राम मामले की जांच कर रहे हैं।


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